सिक्किम में बाढ़ से मचा कोहराम हुई भारी तबाही..

सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद 11 लोगों की मौत हो गई और 23 सैन्यकर्मी समेत 123 लोग लापता हो गए। अधिकारियों ने बताया कि तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए। अधिकारियों ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई। गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, ‘गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से 5 शव बरामद किए गए हैं।’

अचानक आई बाढ़ की चपेट में आने से चुनथांग में तीस्ता-III बांध बह गया। कम से कम 6 पुल भी बह गए और नेशनल हाईवे 10 कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया। सिक्किम के आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक प्रभाकर राय ने एचटी को बताया, ‘उत्तरी सिक्किम इलाका राज्य के दूसरे हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है। सिक्किम भी शेष भारत से कट गया है क्योंकि बाढ़ ने एनएच -10 को बुरी तरह प्रभावित किया है।’ अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का पानी करीब 1 बजे चुंगथांग तक पहुंच गया था। इसके बाद दोपहर करीब 2:30 बजे तक निचले जिलों के इलाकों में पानी भर गया।

बता दें कि उत्तरी सिक्किम में मंगलवार सुबह से बुधवार सुबह के बीच करीब 39 मिमी बारिश हुई है। आईआईएससी बेंगलुरु के वैज्ञानिक आशिम सत्तार ने बताया, ‘बारिश की वजह से संभवतः हिमस्खलन भी हुआ है जिसके कारण GLOF हुआ। जैसे ही भारी मात्रा में पानी और मलबा नीचे की ओर तेजी से आए और वे चुनथांग में हाइड्रो बांध से टकरा गए। इससे बांध बह गया और पूरा भार जबरदस्त ताकत के साथ नीचे की ओर बहता चला गया।’ वैज्ञानिकों ने बताया कि बीते कुछ सालों से लोनाक ग्लेशियर पीछे हट रहा है और झील का आकार बढ़ रहा है। इससे यह जीएलओएफ के प्रति संवेदनशील हो जाता है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है।’ सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। उन्होंने बताया कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि संचार व्यवस्था ठप होने के कारण लापता कर्मियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।

गंगटोक से सिंगताम की ओर ट्रैकिंग के लिए निकले कोलकाता के पर्यटक राजीव भट्टाचार्य ने बताया, ‘हमने घाटी में तेज गति से पानी की एक विशाल लहर को आते देखा… सौभाग्य से, मैं और मेरे दोस्त ऊंची जगह पर। अचानक आई बाढ़ से प्रभावित नहीं हुए। अब हम वापस गंगटोक जा रहे हैं।’ नदी में उफान के कारण तीस्ता नदी घाटी क्षेत्र में स्थित डिक्चु, सिंगताम और रंगपो समेत कई कस्बों में भी बाढ़ आ गई है। शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद रहेंगे। अधिकारियों ने कहा कि सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के कुछ हिस्से बह गए। साथ ही, उत्तर बंगाल और बांग्लादेश के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, जहां से तीस्ता बहती है।

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