मुख्यमंत्री नीतीश कुमार: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपनी सधी हुई राजनीति का परिचय देते हुए गुरुवार को बड़ा सियासी बयान दिया। उन्होंने एनडीए के नेताओं की ओर इशारा करते हुए पुरानी दोस्ती याद दिलाई। मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह के दौरान दिए गए उनके इस संबोधन के दौरान हॉल तालियों से गूंज उठा।
बिहार में राहें जुदा करने के करीब दो साल बाद गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भाजपा प्रेम छलक पड़ा। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में इसे जाहिर किया।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह के मंच से संबोधित कर रहे थे।
इसके स्थापना का इतिहास दोहराते हुए सीएम नीतीश कुमार ने एक बड़ा राजनीतिक बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि जब तक हम जीवित रहेंगे, हमारा आपका संबंध रहेगा।
हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में उपस्थित लोगों के बीच विभिन्न दलों के नेताओं को मौजूदगी में उन्होंने सामने बैठे नेताओं की ओर इशारा किया।
…तब से मैं लगा रहा : नीतीश
उन्होंने कहा कि 2007 में केंद्र सरकार देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की शुरुआत की। हमने तभी कहा था कि इसकी स्थापना बापू के चंपारण सत्याग्रह की भूमि पर होगी।
2009 में अधिनियम बना और तब से मैं लगा रहा, तब कांग्रेस की सरकार थी। मैं तबके मंत्री के यहां भी गया। भेंट भी की और आवास पर भोजन किया।
उन्होंने कहा कि गया में खोलेंगे, लेकिन हमने चंपारण के लिए कहा। फिर यह तय हुआ दोनों स्थानों पर केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलेगा।
इसके बाद 2014 में केंद्र की सरकार ने मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की सहमति दी। हमने इसका महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय रखने का प्रस्ताव दिया |
एनडीए के नेताओं की ओर किया इशारा
इसी के बाद व्यंगात्मक लहजे में नीतीश ने सामने बैठे एनडीए के नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा- तब हम साथ थे। याद है न 2005। हमारी दोस्ती तब भी थी। अब भी है।
जब तक हम जीवित रहेंगे हमारा-आपका संबंध रहेगा। सधी राजनीति का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री ने वोट पर भी बात और विकास पर भी बोले।