रावण का किरदार निभाने के लिए छोड़ दी पुलिस की नौकरी!

पेशे से व्यापारी प्रदीप का कहना है कि दिल्ली पुलिस में उनका चयन हो गया था। छह महीने नौकरी करने के बाद इस्तीफा दे दिया। क्योंकि त्योहार के समय पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती है। वह पिता के साथ पहली बार रामलीला का मंचन देखने गए थे उनके तो मन में अभिनय करने की जिज्ञासा जागृत हुई।

पिता के साथ पहली बार रामलीला का मंचन देखने गया तो मन में अभिनय करने की जिज्ञासा जागृत हुई। शुरुआती दौर में गांव में होने वाली रामलीला की लीलाओं में अभिनय करने का मौका मिला। अक्षय कुमार, मेघनाद के बाद वर्ष 2009 से लंकापति रावण का किरदार निभा रहा हूं।

यह कहना है सेक्टर साइट चार स्थित रामलीला के मंचन में रावण की भूमिका निभा रहे प्रदीप पवार का। उन्होंने बताया कि कई सालों तक किरदार निभाया,लेकिन कभी मेहनताना नहीं मिला। पहली बार रावण का किरदार निभाने पर उन्हें 150 रुपये मिले थे।

क्यों छोड़ दी पुलिस की नौकरी?
पहली बार मिले रुपये अभी तक वह संभाल कर रखे हुए है। पेशे से व्यापारी प्रदीप का कहना है कि दिल्ली पुलिस में उनका चयन हो गया था। छह महीने नौकरी करने के बाद इस्तीफा दे दिया।

त्योहार के समय पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती है। उन्हें रामलीला में मंचन करने के लिए छुट्टियों की जरूरत पड़ती थी। छुट्टी लेने के लिए कई बार भागदौड़ करने के बाद भी निराश होना पड़ता था। इसलिए उन्होंने नौकरी की बजाए रामलीला को चुना।

नौकरी छोड़ने के बाद घर वालों का विरोध बहुत झेलना पड़ा,लेकिन रामलीला में किरदार निभाने में शांति का अहसास होता था। जब नौकरी छोड़ी तो घर वालों ने कहा कि देखेंगे रामलीला के मंचन से कब तक जीवन चलेगा,लेकिन उन्हें विश्वास था कि प्रभु राम जिसके साथ होंगे उसकी नैया पार हो ही जाएंगी। तब से अब तक जीवन प्रभु राम के सहारे चल रहा है।

1987 से कर रहे रामलीला में मंचन
प्रदीप ने बताया कि 1987 में पहली बार रावण के पुत्र अक्षय कुमार का किरदार निभाया था। अभिनय से खुश होकर डायरेक्टर ने उन्हें मेघनाद का किरदार निभाने के लिए दिया। कई सालों तक दिल्ली एनसीआर के विभिन्न शहरों में मेघनाद का किरदार से ख्याति पाई। उसके बाद 2009 से साइट चार की रामलीला में रावण का अभिनय कर रहे है।

पत्नी रेलवे में कर रही नौकरी
प्रदीप ने बताया कि करीब 15 दिनों तक वह रामलीला में मंचन करते है। जब पहली बार अवार्ड मिला तो सबसे पहला फोन उन्होंने अपनी मां को किया और कहा कि सबसे अच्छा मंचन करने का पुरस्कार मिला है। उनके साथ उनकी करीब 50 लोगों की मंडली है। रामलीला के बाद वह अपने व्यापार में जुट जाते है।

पत्नी रेलवे में नौकरी करती है। उनकी दो बेटियां है। वह बताते हैं कि उन्हें गर्व है वह बेटियों के पिता है। बेटियां घर की चिराग है। प्रदीप बताते हैं कि जब वह पत्नी के आफिस जाते है तो लोग कहने लगते है कि हमारे बीच लंका पति लंकेश पधारे है।

चार महीने पहले से शुरू होती तैयारी
साइट चार के सेंट्रल पार्क में आयोजित होने वाली रामलीला की तैयारी चार महीने पहले से शुरू हो जाती है। श्री रामलीला कमेटी के सदस्य हरेंद्र भाटी ने बताया कि शहर की सबसे बड़ी रामलीला का बजट 35 लाख रुपये का है। रामलीला में करीब प्रतिदिन 30 से 40 हजार लोग मंचन देखने आते है।

तीन मंजिल का मंच तैयार किया जाता है। लीला के अनुरूप प्रतिदिन मंच को बदला जाता है। 50 फुट का धनुष,35 फूट का गदा और पद्म भूषण के साथ कई अन्य पुरस्कार से सम्मानित राम सुतार की बनाई मूर्तियां आकर्षण का केंद्र होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com