अंबाला रेल मंडल पांच राज्यों को आपस में जोड़ने वाली अहम कड़ी है। पूरे मंडल में 135 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं और 2201.49 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक का जाल बिछा हुआ है। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल सेक्शन अंबाला मंडल की एक विशेष पहचान है।
अंबाला रेल मंडल के सभी सेक्शनों पर आगामी समय में ट्रेनें 90 की जगह 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी और उनकी यात्रा भी सुरक्षित होगी। इसके लिए अंबाला रेल मंडल ने योजना तैयार की है। इस योजना के तहत अंबाला मंडल के अधीन अलग-अलग रेल सेक्शन पर बने रेलवे फाटक बंद किए जाएंगे। इस पर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) का निर्माण किया जाएगा। 840 करोड़ की योजना को पूरा करने का लक्ष्य दो से तीन साल के बीच निर्धारित किया है। अंबाला रेल मंडल ने इस प्रस्तावित योजना की रुपरेखा तैयारी करनी शुरु कर दी है। इसके लिए कुछ रेलवे फाटकों को चिह्नित करने की तैयारी की जा रही है।
बंद किए 257 रेलवे फाटक
वर्ष 2014 तक अंबाला रेल मंडल में 589 रेल फाटक चलन में थे और यहां ट्रेनों के सुरक्षित आवागमन के लिए दो से तीन कर्मचारी तैनात रहते थे, लेकिन रेलवे ने इनमें से 257 रेलवे फाटकों को बंद करके आरओबी और आरयूबी का निर्माण कर दिया है। इससे ट्रेनों को गति मिली है और यात्रियों के समय की भी बचत हो रही है। इसका नतीजा अंब अंदौरा से नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस का सुरक्षित संचालन है जोकि रेलवे फाटकों को बंद करके हासिल किया गया है।
ये फाटक होंगे बंद
अंबाला मंडल के अधीन जो 42 फाटक बंद किए जाने हैं। उनमें से 22 रोड ओवर ब्रिज बनने है। इसमें सहारनपुर-अंबाला सेक्शन में दो गेट, अंबाला-लुधियाना सेक्शन में चार गेट, बठिंडा-श्री गंगा नगर सेक्शन में दो गेट, जाखल-हिसार सेक्शन में एक गेट, लुधियाना-धुरी सेक्शन में दो गेट, राजपुरा-बठिंडा सेक्शन में तीन गेट, दिल्ली-अंबाला -कालका सेक्शन में तीन गेट, सहारनपुर-टपरी सेक्शन में एक गेट, कालका-शिमला सेक्शन में चार गेट हैं।
इसके अलावा 20 अंडर पास बनाए जाने हैं। इसमें सहारनपुर-अंबाला सेक्शन में दो गेट, अंबाला-लुधियाना सेक्शन में तीन गेट, बठिंडा-श्री गंगा नगर सेक्शन में तीन गेट, जाखल-हिसार सेक्शन में एक गेट, लुधियाना-धुरी सेक्शन में छह गेट, राजपुरा-बठिंडा सेक्शन में 1 गेट पर, दिल्ली-अंबाला-कालका सेक्शन में 1 गेट और सरहिंद-अंब अंदौरा सेक्शन में तीन गेट शामिल हैं।
पांच राज्यों की अहम कड़ी अंबाला मंडल
अंबाला रेल मंडल पांच राज्यों को आपस में जोड़ने वाली अहम कड़ी है। पूरे मंडल में 135 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं और 2201.49 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक का जाल बिछा हुआ है। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल सेक्शन अंबाला मंडल की एक विशेष पहचान है। इस पूरे सेक्शन पर 102 टनल है। मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों से रोजाना 2 करोड़ से अधिक यात्री आवागमन करते हैं। इसमें पांच प्रमुख रेलवे स्टेशन अंबाला कैंट, सहारनपुर, बठिंडा, कालका और चंडीगढ़ सहित जगाधरी, पटियाला, सरहिंद, राजपुरा शामिल है। मंडल के अधीन 50 से अधिक आरक्षण केंद्र हैं। कर्मचारियों की संख्या भी 13 हजार से अधिक है।
अधिकारी के अनुसार
वर्ष 2014 तक 279 रेलवे फाटकों को बंद करके आरओबी और आरयूबी बना दिए हैं। आगामी दो-तीन साल में 42 रेल फाटकों को बंद करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यहां भी लोगों के आवागमन के लिए ब्रिज बनाए जाएंगे। इस पर लगभग 840 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ब्रिज बनने से ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी और यात्री सुरक्षित और जल्द गंतव्य तक पहुंच पाएंगे। -मंदीप सिंह भाटिया, डीआरएम, अंबाला मंडल।