राज्यपाल के पत्र पर पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे राज्यपाल का यू-टर्न करार दिया है। आप ने कहा कि सीएम के नाम पत्र से राज्यपाल का अवैध रुख उजागर हो गया है।
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया है कि उनके पास विचाराधीन तीन वित्त विधेयकों समेत पांच विधेयकों पर जल्द फैसला लेकर उन्हें सूचित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले आए इस पत्र ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है।
मुख्यमंत्री मान को रविवार को भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह पंजाब के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी लंबित विधेयकों के बारे में संविधान के प्रावधानों के तहत प्राथमिकता के आधार जल्द फैसला लेंगे।
पत्र में राज्यपाल ने कहा है कि हालांकि पंजाब विधानसभा को बुलाने के साथ सत्र की निरंतरता की संवैधानिकता के बारे में भारत के संविधान के विभिन्न प्रावधानों के साथ प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के उल्लंघन से गंभीर संदेह उठे हैं। फिर भी मैंने पंजाब के लोगों के कल्याण के व्यापक हित में सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करने के बाद, सभी विधेयकों की गुणवत्ता के साथ भारत के संविधान के विभिन्न प्रावधानों के संदर्भ में उनकी जांच करने का निर्णय लिया है।’ राज्यपाल ने लिखा- ‘आने वाले दिनों में प्रत्येक विधेयक पर अपने फैसले के बारे में मैं आपको अलग-अलग जानकारी दूंगा।’
राज्यपाल ने पत्र में स्पष्ट किया कि मैं बता सकता हूं कि आपके मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से, मैंने पंजाब विधानसभा द्वारा पारित 27 में से 22 विधेयकों को पहले ही सहमति दे दी है। तीन वित्त विधेयकों सहित बकाया विधेयक मेरे विचाराधीन हैं। आने वाले दिनों में उन पर विचार करने के बाद कोई निर्णय लूंगा। उसी के अनुसार मैं इस संबंध में आपको जानकारी दे दूंगा।
कंग बोले- राज्यपाल ने लिया यू-टर्न
राज्यपाल के पत्र पर पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे राज्यपाल का यू-टर्न करार दिया है। आप ने कहा कि सीएम के नाम पत्र से राज्यपाल का अवैध रुख उजागर हो गया है। राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि वह पंजाब विधानसभा सत्र में पारित सभी लंबित विधेयकों की जांच करेंगे। इससे पहले राज्यपाल ने पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दिया था।
आम आदमी पार्टी पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही विधानसभा में कह चुके हैं कि सरकार द्वारा बुलाए गए सत्र को लेकर राज्यपाल द्वारा दी गई चुनौतियां सर्वोच्च न्यायालय में एक मिनट भी नहीं टिकेंगी। मान ने 20 अक्तूबर को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि सरकार राज्यपाल के पत्र को 30 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी और 29 अक्तूबर को राज्यपाल ने यह यू-टर्न ले लिया और कहा कि वह सभी बिलों की जांच करेंगे। आप ने कहा कि यह पत्र इस बात का सबूत है कि राज्यपाल सिर्फ एक सत्र की कार्यवाही और पंजाब में आप सरकार के कार्यों में बाधा डालना चाहते थे। पंजाब सरकार ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी और फिर राज्यपाल ने पहले ही यू-टर्न ले लिया।