भारतीय रिजर्व बैंक के तीन दिवसीय बैठक का फैसला आज आ गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान किया है। इस बैठक में भी Repo Rate को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। रेपो रेट का सीधा असर Loan पर पड़ता है। आइए इस बैठक में लिए गए फैसलों की मुख्य बातों के बारे में जानते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान किया है। इन फैसलों का असर भारत की अर्थव्यवस्था के साथ ही आपके बजट पर भी पड़ेगा। इस बैठक में सबकी नजर रेपो रेट पर रहती है। आइए, इस बैठक में लिए गए फैसलों की मुख्य बातें जानते हैं।
नई मौद्रिक नीति की मुख्य बातें
आरबीआई ने इस बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि रेपो दर 6.5 फीसदी पर स्थिर है। वहीं एसडीएफ (SDF) रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार है और एनसीएफ (MSF) दर और बैंक दर 6.75 फीसदी पर बरकरार है।
आरबीआई ने ‘Withdrawal Of Accommodation’ नीति को अपनाया है। बैंक महंगाई को नियंत्रित करने पर कार्य कर रही है।
आरबीआई ने भारत की जीडीपी को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी से बढ़ सकती है।
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही देश की जीडीपी 6.5 फीसदी हो सकती है। वहीं, तीसरी और चौथी तिमाही 5.7 फीसदी हो सकती है। इसी तरह अगले चालू वित्त वर्ष 2024-24 के पहले तिमाही में जीडीपी 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
आरबीआई ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में CAPEX बढ़ा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार देखने को मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में तेजी आई है।
ग्लोबल आउटलुक ने महंगाई दरों को प्रभावित किया है। इस साल जुलाई में सब्जियों की कीमत में तेजी देखने को मिली है।
आरबीआई गवर्नर ने 2024 में महंगाई दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
वहीं सीपीआई (CPI) दर के बारे में कहा कि इस तिमाही यह 6.4 फीसदी था। जो चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 5.6 फीसदी और चौथी तिमाही और अगले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.32 फीसदी रह सकती है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में बैंकिंग सिस्टम मजबूती से कायम है। इसके आगे वह कहते हैं कि लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) सेल्स संभव हो सकती है। वहीं, SDF और VRRR को स्थिर रखा जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय स्थिरता पर फोकस कर रहा है। वह बैंक, NBFCs पर निगरानी सिस्टम को मजबूत कर रहा है। इसके अलावा बैंक पर्सनल लोन में आए उछाल पर भी ध्यान दे रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने जानकारी दी कि 29 सितंबर 2023 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 58,690 करोड़ डॉलर था।
दालों की खेती में कमी और सप्लाई के दबाव की वजह से जुलाई में महंगाई बढ़ी है। आने वाले समय में महंगाई कम होने की संभावना है।