अपार आईडी: इस आईडी का नाम होगा अपार आईडी (APAAR ID)। अपार का पूरा मतलब ‘ऑटोमेटेड पर्मानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री’ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस आईडी कार्ड बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि प्री प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक के सभी स्टूडेंट्स का एकेडिमक से लेकर स्पोर्ट्स स्किल्स से लेकर हर छोटी बड़ी- जानकारी एक जगह मौजूद होगी जिससे स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी
न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद से शिक्षा के क्षेत्र में काफी अहम बदलाव हो रहे हैं। अब इसी क्रम में एक और अहम कदम उठाया गया है। इसके तहत, अब देश भर के छात्र-छात्राओं की अपनी एक अलग यूनिक आईडी कार्ड तैयार किए जाएंगे। यह आईडी बिल्कुल आधार कार्ड जैसे ही होगी, जिसमें स्टूडेंट्स की फुल डिटेल उपलब्ध होगी। यह फैसला, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में लिया है।
इस आईडी का नाम होगा अपार आईडी (APAAR ID)। APAAR का पूरा मतलब ‘ऑटोमेटेड पर्मानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री’ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस आईडी कार्ड बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि सभी स्टूडेंट्स का एकेडिमक से लेकर, स्पोर्ट्स, स्किल्स से लेकर हर छोटी बड़ी- जानकारी एक जगह मौजूद होगी। इसके साथ ही, एग्जाम रिजल्ट, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिवटीज, ओलिंपियाड या फिर अगर किसी स्पोर्ट्स में नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर कोई जीत हासिल की है तो इस बारे में भी डिटेल मौजूद होगी, जिससे मंत्रालय को स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी।
वन नेशन, वन स्टूडेंट्स आईडी कार्ड बनाने के संबंध में मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश भी भेज दिए हैं। इस आईडी कार्ड बनने से छात्र-छात्राओं भी बड़ा फायदा होने वाला है। अब, अगर उन्हें कोई स्कूल बदलना है या फिर किसी स्कीम, स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करना है तो इस सबके लिए उन्हें बस अपनी अपार आईडी कार्ड दिखाना होगा, जिसके बाद उनकी पूरी डिटेल आ जाएगी।
30 करोड़ स्टूडेंट्स का डिजिटल रजिस्ट्रेशन जरूरी
इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई 2023 को अखिल भारतीय शिक्षा समागम (ABSS) में चर्चा हुई थी। वहीं, इस संबंध में कहा गया है कि, देश में 30 करोड़ छात्र हैं, जिनमें से करीब 4.1 करोड़ उच्च शिक्षा में हैं और अन्य 4 करोड़ स्किल डोमेन से हैं। इन सभी का डिजिटल रूप से रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
पैरेंट्स की सहमति लेना अनिवार्य
अपार आईडी कार्ड बनाने के लिए पैरेंट्स की सहमति लेना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही इस स्कूल इस दिशा में आगे कदम बढ़ा सकेंगे। बता दें कि यह आईडी आधार कार्ड या फिर वोटरआईडी कार्ड की तरह ही होगा, जो कि पूरे देश में मान्य होगा।