कहते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। हरियाणा की राजनीति में सिंगल मैन आर्मी के नाम से जाने जाने वाले अनिल विज ने भी अपने खाली समय में का सदुपयोग करते हुए अपना शौक पूरा करने के लिए वेब न्यूज़ पोर्टल हर समय न्यूज़ बना कर यह दिखा दिया है कि वह केवल एक पॉलिटिशियन ही नहीं है।अपितु अपने जज्बे से बिना टेक्निकल क्वालिफाइड होते हुए भी खुद न्यूज़ पोर्टल बनाकर दिखा सकते हैं।
बता दें कि अनिल विज जो पिछले एक सप्ताह से अस्वस्थ होने जिन्हें डॉक्टरर्स ने अम्बाला अपने आवास पर ही रेस्ट की सलाह दी हुई है।अनिल विज भले ही अंबाला में अपने आवास पर हूं मगर रेस्ट उनके जीवन में कहां संभव हो सकता है। अनिल विज ने घर रहते हुए अपना एक वेब पोर्टल हर समय न्यूज़ के नाम से एक वह पोर्टल दिन रात की मशक्कत के बाद खुद ही इन हाउस बिना किसी के सहयोग के बना डाला है। अनिल विज जिन्हें धान के इस मौसम में एलर्जी हो जाती है तथा काफी कठिनाई से उनको गुजरना पड़ता है। अनिल विज पिछले कुछ सालों से इस परेशानी से जूझ रहे हैं। आजकल धान कटाई का सीजन चल रहा है और धान कटाई के बाद उड़ने वाली धूल से अनिल विज को जबरदस्त एलर्जी महसूस होती है। लगभग एक सप्ताह से अनिल विज इस एलर्जी का शिकार होकर घर विश्राम कर रहे हैं। पॉजिटिव तथा कंस्ट्रक्टिव अनिल विज ने एलर्जी से शिकार होने के बाद आराम के इन दिनों मे एक वेब न्यूज़ पोर्टल खुद ही बना डाला है। रोचक बात तो यह की अनिल बीच ना तो खुद इंजीनियर है और ना ही आईटी के मास्टर। अनिल विजय ने ऑनलाइन ज्ञान प्राप्ति कर कर हर समय न्यूज़ के नाम से वेब न्यूज़ पोर्टल खुद ही डिजाइन किया वह खुद ही बना डाला।
विज ने बताया कि आजकल उनके एलर्जी से संबंधित विभिन्न टेस्ट चल रहे हैं।खाली वह बैठ नही सकते। घर में खाली बैठे उन्हें वेब न्यूज़ पोर्टल बनाने की सूझी। अनिल विज का कहना है कि इस वेब न्यूज़ पोर्टल के अंदर राजस्थान राष्ट्रीय स्तर या बड़ी खबरे को ही चलाया जाएगा।अनिल विज भले ही खुद पोलोटिशियन हो,मगर मीडिया के लोगों से उनका दोस्ताना व्यवहार किसी से छुपा नही है।गौरतलब है कि अनिल विज छठी बार अम्बला कैंट से इस बार विधायक बने हैं।वह खट्टर पार्ट 1 में भी केबिनेट मनिस्टर रहे है अब पार्ट 2 में भी केबिनेट मंत्री हैं।
बेहद साधारण परिवार से संबंध रखते हैं अनिल विज
हरियाणवी राजनीति में एक बड़ा नाम अनिल विज एक बेहद साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। राजनीति से कभी कोई सरोकार न रखने वाले इस परिवार में जन्मे अनिल विज ने 37 साल की उम्र में अपने दम पर राजनीति में पैर रखे और 6 बार चुनाव जीत चुके अनिल विज आज बेहद जनप्रिय नेता बन चुके हैं। बैंक की नौकरी को छोड़ पहली बार 27 मई 1990 को अंबाला कैंट उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बने। लेकिन राजनीति से पहले भी लोगों की मदद करना, लोगों के दुख दर्द में शामिल होना उनकी आदतों में शुमार रहा। वह कर्मचारी होने के बावजूद जनसेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहते थे। जो कि आज तक उन्होंने अपनी इस आदत को बरकरार रखा है।
1990 में उनके पहली बार विधायक बनने के बाद अप्रैल 1991 में हरियाणा विधानसभा समय पूर्व ही भंग कर दी गई थी। कुछ वर्ष बाद किसी कारण अनिल विज ने भाजपा का त्याग कर दिया और अप्रैल 1996 और फरवरी 2000 में वह निर्दलीय विधायक बने। वर्ष 2007 में एक राजनीतिक पार्टी ”विकास परिषद” का गठन कर विज ने नारा दिया, काम किया था-काम करेंगे। ज्यादा मान-मनव्वल पर अक्टूबर 2009 में फिर से भाजपा में शामिल हुए और 2009-14 और 2019 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीन बार चुनाव जीतकर उन्होंने हैट्रिक लगाई। विज हमेशा स्वार्थ और लालच की राजनीति से दूर रहे और जनता का दुख दर्द हमेशा उनके लिए दुखदाई रहा। ओम प्रकाश चौटाला सरकार में बतौर विधायक जब अनिल विज को अन्य विधायकों की तरह विधानसभा में लेपटॉप प्रथम बार मिला तो अनिल विज ने तब भी इंडिया नेट के नाम से एक पोर्टल बनाया था।मगर चुनावी राजनीति में व्यस्तता के चलते समयाभाव के कारण वह बंद कर दिया था।