चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि विदेश मंत्री वांग यी के वॉशिंगटन दौरे में दोनों देश हथियारों के नियंत्रण और अप्रसार को लेकर बातचीत पर सहमत हुए हैं।
वैश्विक राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल अमेरिका और चीन परमाणु हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि विदेश मंत्री वांग यी के वॉशिंगटन दौरे में दोनों देश हथियारों के नियंत्रण और अप्रसार को लेकर बातचीत पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा आने वाले दिनों में दोनों देश मेरीटाइम और अन्य मुद्दों पर भी बात करेंगे।
काफी समय से बातचीत की हो रही थी कोशिश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की तरफ से विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मालोरी स्टीवर्ट बैठक में शामिल हो सकते हैं। वहीं चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के प्रमुख सुन जियाबो इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक अमेरिकी विदेश विभाग और चीन के अमेरिकी स्थित दूतावास ने इस संभावित बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अमेरिका, चीन द्वारा लगातार अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाए जाने से चिंतित है। साल 2021 में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन ने कहा था कि चीन और अमेरिका रणनीतिक रूप से स्थायित्व के मुद्दे पर बातचीत के लिए सहमत हुए हैं। हालांकि जैक सुलीवन ने साफ किया था कि यह बातचीत हथियारों की संख्या को कम करने की मांग पर आधारित नहीं होगी।
दुनिया में बढ़ रहा परमाणु युद्ध का खतरा
हालांकि चीन की तरफ से इस बातचीत के लिए ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और रूस के बीच परमाणु हथियारों पर नियंत्रण को लेकर न्यू स्ट्रैटजिक आर्म्स रिडक्शन संधि थी लेकिन इस साल की शुरुआत में रूस इस संधि से बाहर आ गया। इस संधि के तहत दोनों देश एक तय सीमा में ही अपने परमाणु हथियार तैयार स्थिति में रख सकते हैं और साथ ही दोनों देश एक दूसरे के परमाणु स्थलों का दौरा भी कर सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि दोनों देश संधि का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं। रूस के इस संधि से निकलने के बाद दुनिया में परमाणु हथियारों के नियंत्रण पर लगी पाबंदी हट गई है, यही वजह है कि दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में चीन के साथ बातचीत कर अमेरिका कहीं ना कहीं इस खतरे को बढ़ने से रोकने की कोशिश करना चाहता है।
चीन के पास 500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं और साल 2030 तक चीन के पास करीब 1000 परमाणु हथियार हो सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच नवंबर में एक मुलाकात होनी है और माना जा रहा है कि परमाणु हथियार नियंत्रण को लेकर होने वाली बैठक उससे पहले हो सकती है।