साल 1970 के दशक के अंत में उत्तर प्रदेश के लोखारी में एक मंदिर से ये मूर्तियां चुराई गई थीं। चुराई गई योगिनी चामुंडा और योगिनी गोमुखी की मूर्तियों को लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट और आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल की मदद से बरामद किया है। चोर राजस्थान और महाराष्ट्र से स्विट्जरलैंड के रास्ते यूरोप में माल की तस्करी करते थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में भारत से चुराई गईं और हाल ही में इंग्लैंड में खोजी गईं 8वीं सदी की दो मंदिरों की मूर्तियों की स्वदेश वापसी समारोह की अध्यक्षता की।
1970 में यूपी से चुराई गईं थी मूर्तियां
साल 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक की शुरुआत के बीच उत्तर प्रदेश के लोखारी में एक मंदिर से ये मूर्तियां चुराई गई थीं। चुराई गई योगिनी चामुंडा और योगिनी गोमुखी की मूर्तियों को लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट और आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल की मदद से बरामद किया है।
जयशंकर बोले- मूर्तियों के स्वदेश वापसी का इंतजार
जयशंकर ने ब्रिटेन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन इंडिया हाउस में मूर्तियों का अनावरण किया और कहा कि वह उनकी स्वदेश वापसी का इंतजार कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा,
आज यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम एक-दूसरे की संस्कृति की सराहना करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कानूनी, पारदर्शी और नियम-आधारित हो।
20 योगिनी मूर्तियां हुईं बरामद
विदेश मंत्री ने कहा कि जब भी ऐसा हुआ है, मुझे लगता है कि मूर्तियां वापस करना बहुत महत्वपूर्ण बात है, क्योंकि ये कोई नहीं करता है और यह होना रिश्तों को और बेहतर करता है। माना जाता है कि लोखारी मंदिर में 20 योगिनी मूर्तियां हैं, जिन्हें जानवरों के सिर के साथ सुंदर महिलाओं के रूप में दर्शाया गया है।
राजस्थान और महाराष्ट्र से थे चोर
बता दें कि 1970 के दशक में मंदिर को लुटेरों के एक गुट ने चुरा लिया था। ये सभी चोर राजस्थान और महाराष्ट्र से स्विट्जरलैंड के रास्ते यूरोप में माल की तस्करी करते थे। उस समय अज्ञात संख्या में मूर्तियां चोरी हो गईं, अन्य को तोड़ दिया गया और शेष बची हुई मूर्तियों को बाद में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा हटा दिया गया और छिपा दिया गया।