अध्यात्म के साथ-साथ आर्थिक विकास की धुरी बना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

देश की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र काशी विश्वनाथ कॉरिडोर अब आर्थिक विकास की धुरी बन गया है। दो वर्ष पहले दिसंबर 2021 में जब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया। उस समय तक करीब 69 लाख लोगों ने काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।

वहीं, इस साल यह संख्या 13 करोड़ पार चली गई है। इस तरह से इस दो वर्ष के भीतर यहां श्रद्धालुओं की आवक में 20 गुना बढ़ोतरी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि देश में सबसे बड़ा पर्यटक स्थल गोवा बड़े अंतर से पीछे छूट गया है। इस साल 30 नवंबर तक गोवा जाने वाले पर्यटकों की कुल संख्या करीब 1 करोड़ तक ही पहुंच पाई है। लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के अवसर भी बढ़े हैं।

पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आय 65 फीसदी तक बढ़ी है। वहीं, इस क्षेत्र में रोजगार में भी 34.18 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2021 से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर एक 3 हजार वर्ग फीट के मध्यम आकार के सामान्य घर जितने क्षेत्र में फैला था। अब 5 लाख वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की दिव्यता और भव्यता सहज ही मंत्रमुग्ध कर देती है।

बड़ी बात यह है कि यह विस्तार बिना किसी मुकदमेबाजी और विवाद के हुआ, जो बताता है कि काशी सबके साथ और सबके विश्वास का दूसरा नाम है। आज जब पीछे मुड़कर देखते हैं, तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का बनना सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारत तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता की महिमा के पुनरुत्थान की यात्रा का आरंभ है।

अर्थव्यवस्था में अहम योगदान : दिलचस्प बात यह है कि धर्म और आध्यात्म की नगरी बनारस का उत्तर प्रदेश को 1 लाख करोड़ डॉलर और भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में भी अहम योगदान मिल रहा है।
बनारस के तमाम स्टार्टअप में 250 से ज्यादा निवेशक शामिल हैं, जो इस शहर की उद्यमशीलता की भावना को दर्शाता है।
पुनर्वास का एक भी मामला अदालत में लंबित नहीं
कॉरिडोर के लिए जिन 300 संपत्तियों का अधिग्रहण किया गया उनसे जुड़े 1,400 दुकानदारों, किरायेदारों और घर मालिकों का पुनर्वास भी हो चुका है और वे भी काशी के बढ़ते वैभव के साथ समृद्धि हासिल कर रहे हैं। अहम यह है कि अधिग्रहण और पुनर्वास से जुड़ा अब एक मामला अदालत में लंबित नहीं है।

काशी लगातार समृद्ध हो रही : पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने जब कॉरिडोर का उद्घाटन किया था, तो कहा था कि विश्वनाथ धाम सिर्फ एक भव्य इमारत नहीं है। यह सनातन संस्कृति, हमारी आध्यात्मिक आत्म और भारत की प्राचीनता, परंपराओं, ऊर्जा व गतिशीलता का प्रतीक है। बृहस्पतिवार को पीएम ने कॉरिडोर की दूसरी वर्षगांठ पर कहा, काशी लगातार समृद्ध हो रही है, बुनियादी ढांचे, संस्कृति, पर्यटन, वाणिज्य, नवाचार और अन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है।

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