बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में विभिन्न जनसांख्यिकीय क्षेत्रों में गैर-न्यायिक हत्याओं और जबरन गायब किए जाने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि के बाद पूरे बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। नवंबर के महीने में पूरे बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई।
मानवाधिकार रिपोर्ट के अनुसार, जबरन गायब करने की 65 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें कम उम्र से लेकर विकलांग व्यक्तियों, नवविवाहितों, छात्रों, डॉक्टरों, दुकानदारों और मजदूरों तक विभिन्न लोग शामिल हैं। जबकि 39 हत्याएं दर्ज की गईं, जिनमें राज्य बलों द्वारा फर्जी मुठभेड़ों में मारे गए 10 पहले से गायब व्यक्ति भी शामिल हैं
पांच महिलाओं सहित 39 लोगों की जान गई
बता दें कि बलूचिस्तान में विभिन्न घटनाओं में पांच महिलाओं सहित 39 लोगों की जान चली गई। जबकि 30 पीड़ितों की पहचान कर ली गई है और 10 की पहचान अभी तक नहीं हुई है। एचआरसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे परेशान करने वाली घटनाओं में दस बलूच छात्रों की गैर-न्यायिक हत्या थी, जिनके बारे में पहले लापता होने की सूचना दी गई थी।
पाकिस्तान में पहले भी इस तरह की घटनाएं देखने को मिली
पहली घटना 8 नवंबर को हुई जब सीटीडी अधिकारियों ने खुजदार में कथित गोलीबारी में तीन आतंकवादियों को मारने का दावा किया साथ ही भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त किया गया। पाकिस्तान में पहले भी इस तरह की घटनाएं देखने को मिली हैं।