लीवर में जब फैट की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे फैटी लीवर की प्रॉब्लम हो सकती है। फैटी लीवर दो तरह का है अल्कोहलिक और नॉन अल्कोहलिक। एक्सपर्ट की मानें तो डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलावों से इस समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है। इसके लिए अपनी डाइट में फाइबर, प्लांट बेस्ड प्रोटीन और हेल्दी फैट्स से भरपूर चीज़ों को शामिल करें। जो लीवर को हेल्दी रखने के साथ ही वजन घटाने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा वॉटर इनटेक बढ़ाएं, जिससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ यूरीन के रास्ते बाहर निकल जाते हैं।
अनहेल्दी फैट्स को पूरी तरह से डाइट से आउट कर दें। लीवर अपना काम सही तरीके से कर सके, इसके लिए फलों और सब्जियों को अलग-अलग तरीकों से अपनी डाइट में शामिल करें।
हल्दी है कारगर
हल्दी में करक्यूमिन तत्व मौजूद होता है, जो फैटी लीवर से निपटने में मदद करती है। दरअसल, फैटी लीवर से परेशान व्यक्ति के शरीर में सीरम एलानिन एमिनो ट्रांसफरेज़ और एस्पार्टेट एमिनो ट्रांसफरेज़ एंजाइम्स मौजूद होते हैं। शरीर से इनकी मात्रा को कम करने के लिए कच्ची हल्दी खाना बहुत ही फायदेमंद होता है। आप कच्ची हल्दी की चाय या इसे दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।
हाई फाइबर वाले साबुत अनाज
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए फाइबर रिच फूड्स की मात्रा बढ़ाएं। इससे फैटी लीवर की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। डाइट में नियमित रूप से साबुत अनाज खाने से ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में मदद मिलती है।
विटामिन सी वाले मौसमी फल
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सीज़नल फल शरीर को न सिर्फ संक्रामक रोगों से दूर रखते हैं, बल्कि इससे फैटी लीवर की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। सर्दियों में मिलने वाले फलों को जरूर अपनी डाइट में शामिल करें।