देश के केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया है। बता दें कि इन फैसलों में से मुख्य रेपो रेट है। इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है।
रेपो रेट में बदलाव का असर आम जिंदगी की पॉकेट पर पड़ता है। इसके अलावा एमपीसी बैठक में महंगाई दर को नियंत्रण करने के लिए भी कई फैसले लिये गए हैं। चलिए, एमपीसी बैठक की मुख्य बातों के बारे में जानते हैं।
एमपीसी बैठक की मुख्य बातें
- बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी गई
- 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह इस वित्तीय वर्ष के 7.3 फीसदी से कम है
- इस वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर औसतन 5.4 प्रतिशत हो सकती है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 में घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी।
- वित्तीय संस्थानों द्वारा मॉनिटरी ट्रांसमिशन अभी भी अधूरा है।
- देश की मौजूदा आर्थिक गति अगले वित्त वर्ष में भी बरकरार रहेगी।
- रबी फसल की बुआई में सुधार देखने को मिल रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सर्विस का लचीलापन
- आगामी वित्त वर्ष में निवेश चक्र गति पकड़ रहा है। प्राइवेट सेक्टर के कैपेक्स में सुधार के संकेत हैं।
- भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ प्रगति कर रही है।
- ग्रामीण मांग में तेजी जारी है और शहरी खपत मजबूत बनी हुई है।
- सरकार राजकोषीय सुदृढ़ीकरण पथ पर कायम है। यह घरेलू आर्थिक गतिविधि को मजबूत कर रहा है।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता देखने को मिल रही है। इसका असर महंगाई पर पड़ रहा है।
- भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से सप्लाई चेन पर असर पड़ रहा है। इससे कमोडिटी की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है
- विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है। यह विदेशी दायित्वों को पूरा करने के लिए काफी है।
- घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम लचीली बनी हुई है।
- आरबीआई खराब या सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में लेनदेन के लिए सीबीडीसी-रिटेल में एक ऑफ़लाइन कार्यक्षमता शुरू करेगा।
- चालू वित्त वर्ष में भारतीय रुपये की विनिमय दर काफी स्थिर रही।
- अगली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3-5 अप्रैल, 2024 के दौरान होगी।