यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं बृहस्पतिवार से शुरू हो गई हैं। पहली पाली में दसवीं के छात्रों की हिंदी की परीक्षा है। दूसरी पाली में इंटरमीडिएट में भी हिंदी की परीक्षा है। प्रदेश के 8265 केंद्रों पर 55.25 लाख से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा में सेंधमारी, किसी भी तरह की गड़बड़ी, अफवाह फैलाने और मिलीभगत करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी एफआईआर दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजा जाएगा। इस वर्ष परीक्षाएं मात्र 12 कार्य दिवसों में ही संपन्न होंगी।
माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी विषय की परीक्षा समाप्त होने से पूर्व यदि उसका प्रश्नपत्र या उसके किसी भाग को वाट्सएप, सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से वायरल किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई होगी। संवेदनशील, अति संवेदनशील केंद्रों के साथ ही चिह्नित 16 जिलों में एसटीएफ, एलआईयू विशेष निगरानी रखेगी। प्रश्नपत्र सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में खोले जाएंगे। कॉपी संकलन केंद्रों व स्ट्रांग रूम पर तीसरी आंख से नजर रखने के साथ ही 24 घंटे सशस्त्र बल तैनात किए जाएंगे। नकल रोकने के लिए 1297 सेक्टर मजिस्ट्रेट 430 जोनल मजिस्ट्रेट, 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक, 416 सचल दस्तों का गठन किया गया है।
पहली बार विद्या समीक्षा केंद्र से भी निगरानी
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य स्तर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ के साथ-साथ राजधानी के विद्या समीक्षा केंद्र स्थित कंट्रोल सेंटर से सभी केंद्रों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। साथ ही पहली बाद परिषद मुख्यालय, प्रयागराज और पांच क्षेत्रीय कार्यालयों में भी कमांड व कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं।
पहली बार होंगे ये इंतजाम
- परीक्षा केंद्रों में तैनात सभी 3.11 लाख कक्ष निरीक्षकों को क्यूआर कोड व क्रमांक युक्त कम्प्यूटराइज्ड परिचय पत्र दिए गए।
- उत्तर पुस्तिकाओं के कवर पेज पर क्यूआर कोड, क्रमांक संख्या व लोगो, अंदर के पेज पर लोगो, हर पेज पर संख्या भी।
- चार अलग-अलग रंगों में सिलाईयुक्त उत्तर पुस्तिकाएं दी जाएंगी। इससे पिछली पुस्तिकाओं का प्रयोग नहीं हो सकेगा।
- क्विक रिस्पॉस टीम सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों की त्वरित जांच करेगी, गुमराह करने के प्रयासों की निगरानी की जाएगी।