सनातन धर्म में सभी तिथियों का विशेष महत्व होता है। फाल्गुन माह के कृष्ण की पक्ष की अमावस्या तिथि को फाल्गुनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ये तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। फाल्गुन अमावस्या पितरों को प्रसन्न और पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए अहम होती है। इस अवसर पर पवित्र नदी में स्नान, ध्यान और दान करने विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि फाल्गुन अमावस्या के दिन किन चीजों का दान करना कल्याणकारी होता है।
इन चीजों का करें दान
फाल्गुन अमावस्या के दिन गेहूं, चावल, तांबा और गुड़ का दान श्रद्धा अनुसार कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से इंसान को पितरों के साथ सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
इसके अलावा धन, आंवला, दूध, घी, दही समेत विशेष चीजों का दान करना चाहिए। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से इंसान को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।
करें ये काम
कहा जाता है कि अगर आप हर अमावस्या पर पितरों की पूजा नहीं कर पाते हैं, तो फाल्गुन अमावस्या पर श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। श्राद्ध कर्म के लिए फाल्गुन अमावस्या तिथि बेहद शुभ मानी जाती है।
इसके अलावा पिंडदान और तर्पण करना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
कब है फाल्गुन अमावस्या
अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ-साथ दान करना बेहद शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 09 मार्च की शाम को 06 बजकर 17 मिनट से होगा और जिसका समापन अगले दिन यानी 10 मार्च को दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को मनाई जाएगी।