राममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को समाप्त हुई। बैठक में मंदिर निर्माण के कार्यों व रामनवमी मेले की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक में समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के समक्ष इंजीनियरों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि राममंदिर समेत कई प्रकल्पों का काम 18 माह में पूरा हो जाएगा। इंजीनियरों ने यह भी बताया कि इस रामनवमी रामलला के सूर्य अभिषेक की योजना साकार नहीं हो सकेगी।
बैठक के बाद राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस बार रामनवमी पर भगवान सूर्य अपनी रोशनी से दोपहर 12 बजे रामलला का तिलक नहीं कर पाएंगे। इसके पीछे का कारण यह है राममंदिर के गर्भगृह के ऊपर का मुख्य शिखर के निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका है।
रामजन्मोत्सव का होगा लाइव प्रसारण
चंपत राय ने बताया कि रामनवमी मेले में 25 से 30 लाख भक्तों के आने की संभावना है। इस समय लगभग सवा लाख भक्त रोजाना दर्शन कर रहे हैं। ट्रस्ट किसी भी भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए भक्तों के लिए बहु प्रवेश और निकास द्वार पर विचार कर रहा है। वहीं भक्त घर बैठे रामजन्मोत्सव के साक्षी बन सके इसके लिए लाइव प्रसारण की भी योजना बन रही है।
ट्रस्ट ने पहली बार स्वीकारा, पैसे लेकर हुए दर्शन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पैसे लेकर रामलला का वीआईपी दर्शन कराने के मामले में नाराजगी जताई है। उन्होंने पहली बार स्वीकार किया कि पैसे लेकर दर्शन कराए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में दर्शन के लिए गैर कानूनी काम शुरू हो गया है। पुलिस प्रशासन कार्रवाई करे। एक दिन पहले मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों को निलंबित किया जा चुका है।
पैसे देकर दर्शन न करें श्रद्धालु
चंपत राय ने श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि पैसे देकर दर्शन न करें। पैसा लेकर दर्शन कराना अपराध है। जो भी लोग इस तरीके का कृत्य कर अयोध्या को बदनाम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
अमावा मंदिर में भी होंगे रामलला के दर्शन
राममंदिर से सटे अमावा मंदिर में भी अब भक्तों को रामलला के दर्शन प्राप्त होंगे। अमावा मंदिर में शुक्रवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया। मंदिर परिसर में 51 इंच के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महावीर मंदिर के मुख्य पुरोहित भवनाथ झा के आचार्यत्व व अमावा मंदिर के मुख्य ट्रस्टी पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल के सानिध्य में हुई। अमावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर भव्य मंदिर का निर्माण कर उसमें वियतनाम के संगमरमर से निर्मित रामलला की 51 इंच की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।