गर्मियों की शुरुआत कई सारे फूलों के खिलने के लिए बेहतरीन मौसम होता है। जिसमें से एक है मधुमालती, ये एक ऐसी बेल है, जिसके फूल गुच्छों में आते हैं, जो देखने में तो खूबसूरत लगते ही हैं साथ ही साथ खुशबूदार भी होते हैं। अंग्रेजी में इसे रंगून क्रीपर (Rangoon creeper) या चायनीज हनीसकल (Chinese honeysuckle) नाम से भी जाना जाता है। बंगाली में इसे मधुमंजरी, तेलुगु में राधामनोहरम, आसामी में मालती और झुमका बेल भी कहते हैं। इसका बोटैनिकल नाम Combretum Indicum है। मधुमालती बहुत तेजी से फैलने वाली बेल है। इसकी दो वैराइटी होती है, एक में बड़े-बड़े फूल लगते हैं और एक छोटे फूलों वाली होती है।
मधुमालती बेल में सफेद, गुलाबी व गहरे लाल रंग के फूल खिलते हैं। मधुमालती के फूल रंग बदलते रहते हैं। शुरुआत में ये सफ़ेद रंग के होते हैं। दूसरे दिन वही फूल गुलाबी रंग के हो जाते हैं और तीसरे दिन लाल रंग के। जिस वजह से ये और ज्यादा खूबसूरत दिखते हैं।
मधुमालती बेल कैसे लगाएं?
मधुमालती की बेल किसी भी तरह की मिट्टी में आसानी से लग जाती है। हालांकि नमी वाली मिट्टी सबसे बेस्ट होती है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि पानी मिट्टी में रुकना नहीं चाहिए, वरना इससे जड़ों के गलने का खतरा रहता है। इसे कलम की मदद से आसनी से लगा सकते हैं। इसके लिए 3-4 इंच लंबी कलम लें। कलम का 1 इंच हिस्सा मिट्टी के अंदर दबा दें। पौधे को लगाने के कुछ दिनों तक धूप की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती, तो इसे छांव में रखें या फिर इसे ऊपर से प्लास्टिक से कवर कर दें। पानी तभी दें जब मिट्टी एकदम सूखी लगे। मिट्टी हल्की गीली है, तो पानी देने की जरूरत नहीं। आर्गेनिक खाद जैसे गोबर या सूखी पत्तियों से बनी खाद से बेल तेजी से बढ़ती है और फूलों से लदी रहती है।
अन्य जरूरी बातें
इस बेल को अच्छे धूप की जरूरत होती है, तो इसे ऐसी जगह लगाएं, जहां इसे धूप मिलती रहे। कम धूप या छांव वाली जगह पर लगाने से सिर्फ कलियां आती हैं, फूल नहीं खिलते। मधुमालती को घर की बैलकनी में भी लगा सकते हैं।