सिविल लाइंस के आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले एक कारोबारी की बेटी को साइबर अपराधी ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। आरोपी ने खुद को कस्टम अधिकारी बताकर कॉल की। आरोपी ने युवती को डराया कि उनके खाते में गैर कानूनी तरीके से रकम ट्रांसफर की गई है।
इसके अलावा बड़े पैमाने पर खरीदारी गई है। खाते की डिटेल चेक करनी होगी। अगर जानकारी देने में आनाकानी की तो पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद ठग ने पीड़िता के खाते से पांच लाख 22 हजार 700 रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर लिए।
पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है। कारोबारी ने बताया कि कुछ दिन पहले उनकी बेटी के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम अधिकारी बताया। आरोपी ने कहा कि वह मनी लॉडि्रंग के मामले की जांच कर रहे हैं।
उस केस की जांच में कुछ दस्तावेज और बैंक एकाउंट खाते मिले हैं। इनमें एक खाता आपका भी है। आपके खाते में भी गैर कानूनी तरीके से रकम आई है। इसके अलावा इस खाते से खरीदारी भी गई है। युवती ने उसे बताया कि उसने न तो अपना खाता किसी को दिया है और न ही मेरे खाते में कहीं से रकम आई है।
इसके बाद आरोपी ने उसे डराया कि अगर सही जानकारी नहीं देंगी तो उनका पूरा परिवार जेल चला जाएगा। ठग ने किसी से युवती की बात तक नहीं होने दी। आरोपी ने पीड़िता को डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उसके खाते की पूरी जानकारी ले ली।
इसके बाद ठग ने 98 हजार, एक लाख 24 हजार, एक लाख 75 हजार और एक लाख 25 हजार रुपये किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद साइबर ठग ने फोन डिस्कनेक्ट कर लिया। इसके बाद पीड़िता ने अपने पिता को घटना की जानकारी दी।
पीड़िता ने साइबर सेल और सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि केस तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। साइबर सेल की मदद से साइबर अपराधियों के बारे में जानकारी की जा रही है।