इनसॉल्वेंसी प्रोसेस से गुजर रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट को बड़ा झटका लगा है। एविएशन रेगुलेटर DGCA ने गो फर्स्ट एयरलाइन के सभी 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। इससे पट्टेदारों को राहत मिली है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरलाइन के 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का आदेश दिया था। पिछले शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद ये कदम उठाया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन को पांच वर्किंग दिनों के भीतर करना है। इससे अटके हुए विमानों से संबंधित तमाम अन्य मुद्दों पर पट्टेदारों को राहत प्रदान करने की जरूरत बताई गई थी।
दिल्ली HC ने क्या कहा था?
दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने पिछले शुक्रवार को पट्टेदारों को लंबे समय से खड़े विमानों को लेकर रखरखाव की मंजूरी दे दी थी। बशर्ते उन्हें भारतीय कानून के अनुसार डी-रजिस्टर और निर्यात नहीं कर दिया जाता। कोर्ट ने कहा था, ‘प्रतिवादी डीजीसीए और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) याचिकाकर्ता पट्टेदारों की सहायता करेंगे और उन्हें हवाई अड्डों तक पहुंच प्रदान करेंगे….’
गो फर्स्ट पर इस कारण लगी थी रोक
गो एयर और एयरलाइन के रेजोल्यूशन प्रफेशनल्स (आरपी) को किसी भी विमान तक पहुंचने, उसमें प्रवेश करने या उसे संचालित करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही विमान से सहायक उपकरण, स्पेयर पार्ट्स, दस्तावेज और रिकॉर्ड को हटाने, बदलने से भी रोक दिया गया है।
गो फर्स्ट एयरलाइन ने पिछले साल बंद कर दी उड़ानें
टाटा की एयर इंडिया और वित्तीय रूप से मजबूत इंडिगो दोनों ने लगभग 15 एयरबस A320 फैमिली प्लेन्स को खरीदने के लिए पट्टादाताओं से संपर्क किया है। उन्हें अपेक्षाकृत जल्दी उड़ान भरने योग्य बनाया जा सकता है। बाकी विमानों को प्रैट एंड व्हिटनी से अपने खराब इंजन/पुर्जों के रिप्लेसमेंट के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। वह कई महीनों से इंडिगो को उन्हें उपलब्ध कराने में असमर्थ है। इसके चलते इंडिगो के 75 से अधिक विमान खड़े हैं। बता दें, गो फर्स्ट एयरलाइन ने पिछले साल 2 मई, 2023 को परिचालन बंद कर दिया था और कंपनी जमीन पर आ गई थी।