भारतीय वायुसेना को दूसरा C-295 सैन्य विमान सौंपा गया है। पहला विमान पिछले साल सितंबर माह में दिया गया था। एयरबस डिफेंस ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी।
एयरबस डिफेंस ने एक्स पर लिखा, कहानी जारी है। भारतीय वायुसेना के लिए दूसरे C-295 विमान को भारत को सौंपा गया है। भारत की ओर से ऑर्डर किए गए कुल 56 विमानों में से 16 का उत्पादन एयरबस द्वारा स्पेन के सेविले में किया जाएगा। एक औद्योगिक साझेदार के रूप में शेष 40 का उत्पादन पश्चिम भारत के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा किया जा रहा है। मेक इन इंडिया के तहत C-295 के लिए वडोदरा में पहला संयंत्र 2026 में शुरू होने जा रहा है।
सी295 विमान के बारे में जानिए
- एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 सी295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था।
- भारतीय वायु सेना (आईएएफ) छह दशक पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी295 विमान खरीद रही है।
- सी295 को एक बेहतर विमान माना जाता है, जिसका उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स के सामरिक परिवहन के लिए किया जाता है।
- इसका इस्तेमाल उन स्थानों पर सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है, जहां मौजूदा भारी विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
- सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।
- इसका उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है।
- यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।