अफ्रीकी देश नाइजीरिया के गांव जुराक में बंदूकधारियों ने ताबड़तोड़ हमले किए जिसमें लगभग 40 लोगों की मौत हो गई। गांव में हुई अंधाधुंध गोलीबारी के बीच आरोपियों ने कई घर को भी आग के हवाले कर दिया। घटना नाइजीरिया के उत्तर-मध्य में स्थित पठारी राज्य की है। बता दें कि यहां चरवाहों और किसानों के बीच झड़पें आम बात हैं। पुलिस और निवासियों ने इस घटना की जानकारी मंगलवार को दी।
जुराक गांव में हमला करने वाले हथियारबंद लोगों को स्थानीय तौर पर डाकू कहा जाता है। पठार पुलिस के प्रवक्ता अल्फ्रेड अलाबो ने कहा कि सुरक्षा एजेंटों के आक्रामक हमले से भागते हुए हथियारबंद गुट सोमवार देर रात जुराक गांव में अचानक घुस आया और गांवों पर हमला किया।
घरों को जलाया, लोगों को किया अपहरण
इस झड़प में सुरक्षा एजेंटों ने सात हमलावरों को मार गिराया, जबकि भागते हुए गिरोह के सदस्यों ने नौ लोगों की हत्या कर दी और छह घरों को जला दिया। निवासियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि दर्जनों बंदूकधारियों ने मोटरसाइकिलों पर सवार होकर गांव में धावा बोला, अंधाधुंध गोलीबारी की, अनिर्दिष्ट संख्या में लोगों का अपहरण किया और घरों में आग लगा दी।
40 से ज्यादा लोगों को उतारा मौत के घाट
गांव के एक निवासी ने बताया कि बंदूकधारियों ने बिना किसी दया के 40 से ज्यादा लोगों को मार डाला। मैं किसी तरह भागकर पास के एक गांव में पहुंच गया। अब तक, मैंने अपने परिवार के कई सदस्यों को नहीं देखा है। एक अन्य निवासी टिमोथी हारुना ने रॉयटर्स को बताया कि बंदूकधारियों कई लोगों को मार डाला और कई लोगों का अपहरण कर लिया। कई अन्य लोग गोली लगने से घायल हो गए। उन्होंने हमारे घरों को भी आग लगा दी।
हमले और अपहरण आम बात..
हाल के वर्षों में उत्तरी नाइजीरिया में ग्रामीण इलाकों में हमले और फिरौती के लिए अपहरण आम बात हो गई है, जहां सशस्त्र गिरोहों ने गांवों, स्कूलों और यात्रियों को निशाना बनाया है और लाखों नाइरा की फिरौती की मांग की है। नाइजीरिया सुरक्षा चुनौतियों से ग्रस्त है, जिसमें इसके उत्तर-पूर्व में 14 साल से चल रहा इस्लामी विद्रोह, दक्षिण-पूर्व में अलगाववादी हिंसा और मध्य क्षेत्र में किसानों और चरवाहों के बीच अक्सर होने वाली घातक झड़पें शामिल हैं।