तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार काशी आए नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में 20 हजार करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि भेजी। यह सम्मान निधि की 17वीं किस्त है। इसके जरिये किसानों को सालाना छह हजार रुपये दिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने 12 राज्यों की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी प्रमाण पत्र भी दिया। साथ ही कहा कि यह देश की तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहदीगंज में पहली बार किसान सम्मेलन को संबोधित किया। 27 मिनट के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बनारसी अंदाज में खुद को जनता से जोड़ा और कहा कि अब यहीं का हो गया हूं। मां गंगा ने पहले से ही गोद लिया है।
केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए उन्होंने काशी सहित देश की जनता का आभार जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी ने तीसरी बार सांसद के साथ पीएम चुनकर इतिहास बनाया है। यह काशी के मतदाताओं के लिए गर्व की बात है। काशीवासियों को डबल बधाई। उनका असीम स्नेह मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका उन्हें सम्मान और आय के नए साधन दोनों सुनिश्चित करेगी। माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है। नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है।
आज देशभर में 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है। जल्द ही देश की हजारों महिला समूहों को भी जोड़ा जाएगा।
सरकार बनते ही पहला फैसला किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा लिया
उन्होंने कहा कि तीसरे कार्यकाल की शुरुआत मैंने इन्हीं के सशक्तीकरण से की है। सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा लिया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि आज दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर स्कीम बन चुकी है।
मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सही लाभार्थी को लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल हुआ है। जब सही नीयत और सेवा की भावना होती है तो ऐसे ही तेजी से किसान हित और जनहित का काम होता है।
भारत की 31 करोड़ महिलाओं ने डाले वोट, यह संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की विशाल समर्थता दुनिया ने देखी है। लोकसभा चुनाव में 64 करोड़ लोगों ने मतदान किया। इनमें 31 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। ये संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास है। भारत के चुनाव और नतीजों की चर्चा दुनिया में है। मजबूत लोकतंत्र की हर तरफ तारीफ हाे रही है।
प्रधानमंत्री ने हाल में इटली दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि यहां शामिल हुए सभी देशों की जनसंख्या मिला दें तो भारत के मतदाताओं की संख्या डेढ़ गुना अधिक है। यूरोप के सभी देशों की संख्या मिला दें तो भारत के मतदाताओं की संख्या उनसे ढाई गुना है। भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती, यही ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित भी करती है। प्रभावित भी करती है।
जनता का विश्वास सबसे बड़ी पूंजी, सरकार की हैट्रिक लगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के जनादेश ने इतिहास रचा है। दुनिया का शायद ही कोई ऐसा लोकतांत्रिक देश होगा, जहां लगातार तीसरी बार सरकार चुनी गई हो। लेकिन भारत की जनता ने ऐसा कर दिखाया है। भारत में 60 वर्ष पहले सरकार ने हैट्रिक लगाई थी। अब दोबारा हैट्रिक लगी है।
जनता ने सेवा का मौका सेवक मोदी को दिया है। यह सौभाग्य की बात है। जनता का विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है। तीसरे कार्यकाल में नौजवान, महिला और गरीब को विकसित भारत का महत्वपूर्ण स्तंभ माना है। तीन करोड़ नए घर बनाकर देने हैं। तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है।
वाराणसी के किसानों को मिल चुकी है 700 करोड़ की सम्मान निधि
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की गई है। अब तक किसानों के बैंक खाते में सवा तीन लाख करोड़ रुपये भेजे गए हैं। बनारस के किसानों को ही 700 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। बनास डेयरी के जरिये किसानों की आमदनी बढ़ाई जा रही है। वाराणसी के 14 हजार पशुपालक डेयरी से जुड़ चुके हैं। सबकी आमदनी बढ़ गई है। अगले डेढ़ वर्षों में 16 हजार और पशुपालकों को डेयरी से जोड़ना है। पूर्वांचल के पशुपालकों को भी फायदा मिल रहा है।
तीन किसानों ने किया स्वागत, हर हर महादेव का उद्घोष
काशी के तीन किसानों टिकरी के रमेश साहनी, सेवापुरी के उदयभान सिंह और रोहनिया के लाल बहादुर राम ने अंगवस्त्र देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने हर हर महादेव के उद्घोष से भाषण की शुरुआत की। भोजपुरी में कहा कि चुनाव जीतने के बाद आज हम पहली बार बनारस आइल हई।
काशी के जनता जनार्दन के हमार प्रणाम। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद, काशीवासियों के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है।
तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने में कृषि व्यवस्था की भूमिका बड़ी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने में पूरी कृषि व्यवस्था की बड़ी भूमिका है। हमें वैश्विक रूप से सोचना होगा, ग्लोबल मार्केट को ध्यान में रखना होगा। हमें दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनना है। कृषि निर्यात में अग्रणी बनना है।
विदेशों में बनारस के लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली और गाजीपुर की भिंडी की धमक
प्रधानमंत्री ने कहा कि बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी, ऐसे अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। उत्पादन भी एक्सपोर्ट क्वालिटी का होने लगा है।
अब हमें पैकेज्ड फूड के ग्लोबल मार्केट में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना है। मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डायनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न या फूड प्रोडक्ट होना ही चाहिए। इसलिए हमें खेती में भी जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना है।
इनकी रही मौजूदगी
मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उप्र सरकार के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी आदि।