ब्रिटेन में 4 जुलाई को वोटिंग से पहले ही सुनक को झटका लगा है। अब उनके ऊपर हार का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसके पीछे का बड़ा कारण भी भारतीय हैं। सर्वे में खुलासा हुआ है कि 65 प्रतिशत भारतीय ऋषि सुनक की पार्टी को वोट देना नहीं चाहते हैं। YouGov की रिपोर्ट के मुताबिक, 65% भारतीय वोटर सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ हो चुके हैं।
वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गुरुवार को होने वाले मतदान से पहले मंगलवार को चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की। उन्होंने मतदाताओं से ऐसा कुछ न करने का आग्रह किया जिसका उन्हें पछतावा हो और विपक्ष को उनसे अधिक वोट मिलें।
ऋषि सुनक 2022 में पहली बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन इस बार उनके लिए ये रहा आसान नहीं दिखाई दे रही है। मंगलवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था। इस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पूर्वी इंग्लैंड में एक वितरण केंद्र का दौरा किया।
सुनक ने मतदाताओं से की ये अपील
यहां उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वे ऐसा कुछ न करने करें जिसका उन्हें पछतावा हो। चुनाव-पूर्व सभी जनमत सर्वेक्षणों में विपक्षी लेबर पार्टी के लिए मजबूत बहुमत का संकेत मिला है। जिससे मौजूदा सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को पीछे हटकर मतदाताओं को कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी को सुपरमैजोरिटी देने के खिलाफ चेतावनी देनी पड़ रही है।
दोनों मुख्य पार्टी के नेता चुनाव प्रचार के अंतिम दो दिनों में यूनाइटेड किंगडम के अधिक से अधिक भागों में जाने की कोशिश कर रहे हैं, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां उन्हें जीतने की उम्मीद ज्यादा है।
इस बीच ऋषि सुनक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि एक बार जब आप गुरुवार को यह निर्णय ले लेते हैं, तो आप पीछे नहीं हट सकते। इसलिए ऐसा कुछ न करें जिसका आपको पछतावा हो।
लेबर नेतृत्व वाली सरकार बढ़ाएगी लोगों का कर- सुनक
इस पोस्ट के जरिए उन्होंने संदेश दिया कि लेबर के नेतृत्व वाली सरकार देश में सभी के लिए कर बढ़ाएगी। उन्होंने कहा, आपके पास लेबर के सुपरमैजोरिटी पर ब्रेक लगाने के लिए 48 घंटे हैं जो आपके करों को बढ़ा देगा।
वहीं, उन्होंने बीबीसी के पोलिंग विशेषज्ञ सर जॉन कर्टिस से बात करते हुए कहा कि मैं नहीं चाहता कि लोग इस मामले में ढील दें। इसलिए, मैं हर वोट के लिए बहुत मेहनत कर रहा हूँ। मैं इस पद पर बने रहना चाहता हूँ ताकि मैं लोगों के करों में कटौती कर सकूँ, उनकी पेंशन की रक्षा कर सकूँ और हमारी सीमाओं को सुरक्षित कर सकूँ।
ऋषि सुनक ने कहा, यह उनका दृष्टिकोण है, यह मुझे इन अंतिम कुछ दिनों में जितना संभव हो सके उतना कठिन परिश्रम करने से नहीं रोकेगा। मैं इस अभियान के अंतिम क्षण तक बाहर रहूंगा।
‘द टाइम्स’ के साथ एक इंटरव्यू में, लेबर नेता ने “लेबर सुपरमैजोरिटी” के बारे में टोरी की चेतावनियों को एक अच्छाई के रूप में पेश करने का प्रयास किया, क्योंकि उन्होंने देश को “गंभीर रूप से बदलने” के लिए एक मजबूत जनादेश की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि लोगों के पास “अपनी जेबों में अधिक पैसा” हो।
लेबर पार्टी ने लगे आरोप किए खारिज
कीर स्टारमर, जो शुक्रवार शाम तक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं, ने जोर देकर कहा कि अधिक बहुमत का मतलब है कि हम अपनी जरूरत के अनुसार बदलाव ला सकते हैं।
लेबर पार्टी ने अपना दृष्टिकोण प्रमुख योजना सुधारों और कौशल सुधारों के माध्यम से अधिक विकास पर केंद्रित बताया है तथा सभी क्षेत्रों में कर बढ़ाने की योजनाओं को खारिज कर दिया है।
कीर स्टारमर ने जोर देकर कहा, सबसे महत्वपूर्ण बात अर्थव्यवस्था को बढ़ाना और धन सृजन है। मुझे लगता है कि पिछले 13 सालों से यही कमजोरी रही है। आप सार्वजनिक सेवाओं के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन अगर आपकी अर्थव्यवस्था काम नहीं कर रही है तो आप ऐसा नहीं कर सकते। अगर आपने योजना और बुनियादी ढांचे की चुनौतियों का समाधान नहीं किया है, तो आप अपनी अर्थव्यवस्था को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।