स्कंद षष्ठी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर लोग भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। साथ ही उनके लिए कठिन उपवास रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि यह पर्व शिव पुत्र की पूजा के लिए बहुत खास होता है। वहीं, इस महीने स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2024) 11 जुलाई, 2024 यानी आज मनाई जा रही है।
स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि तिथि 11 जुलाई को सुबह 10 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस बार स्कंद षष्ठी 11 जुलाई यानी आज के दिन मनाई जाएगी।
शुभ योग
स्कंद षष्ठी के दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। वहीं, इस मौके पर शिव वास योग भोर से लेकर सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा रवि योग दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से 12 जुलाई को सुबह 05 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप भगवान कार्तिकेय की पूजा भी कर सकते हैं, जो बहुत फलदायी होगी।
स्कंद भगवान पूजन मंत्र
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।
पूजा विधि
भक्त सुबह जल्दी उठें और पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले स्नान करें। भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित करें। उनका अभिषेक करें। फिर भगवान मुरुगन को चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। पांच मौसमी फल, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान मुरुगन की भाव के साथ आरती करें। अंत में पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।
इसके साथ ही मुरुगन मंदिर जाएं और फल, दूध, फूल, नारियल चढ़ाएं आदि चीजें अर्पित करें। इसके अलावा स्कंद भगवान के वैदिक मंत्रों का जाप करें और उनका आशीर्वाद लें। व्रती अगले दिन प्रसाद खाकर अपना व्रत खोलें।