आषाढ़ पूर्णिमा के इन उपाय से जल्द बजेगी शहनाई, प्रसन्न होंगे श्री हरि

हर महीने में पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस बार आषाढ़ माह में पूर्णिमा 21 जुलाई को है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर महाभारत के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा के उपाय अगर आप अपने विवाह में किसी तरह की कोई परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आषाढ़ पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ पर 7 बार कलावा बांधें और दूध अर्पित करें। अब बरगद के पत्ते पर मनचाहे वर की इच्छा लिखकर उसे कमरे में रख दें। ऐसा माना जाता है कि इस टोटके को करने से विवाह के योग बनते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपाय बेहद फलदायी साबित होते हैं। मान्यता के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना उत्तम होता है। इसके लिए एक लोटे में जल, दूध, फूल, अक्षत और गंगाजल मिलाएं। भगवान चंद्रमा के वैदिक मंत्रों का जप कर अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से मानसिक शांति मिलेगी। साथ ही सभी भय से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा आषाढ़ पूर्णिमा पर दान करने का भी विधान है। ऐसे में आप इस शुभ तिथि पर चावल, चीनी, मिश्री, दूध, दही आदि चीजों का दान करें। इससे कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, जिससे पितृ दोष भी समाप्त होता है। आषाढ़ पूर्णिमा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई दिन शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 21 जुलाई, 2024 दिन रविवार को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगी। गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।

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