नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में डीडीए के एक खुले नाले में गिरकर मां और बच्चे की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है। हाई कोर्ट इस याचिका पर 5 अगस्त को सुनवाई करेगा।
याचिका झुन्नु लाल श्रीवास्तव ने दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज कर महिला और उसके बच्चे की मौत की जांच शुरू करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि इस घटना की जिम्मेदारी तय की जाए। अभी तक दिल्ली पुलिस और डीडीए ने किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की है। याचिका में मांग की गई है कि नाले का निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए और दिल्ली में नालों के निर्माण की विस्तृत आडिट करायी जाए ताकि ऐसी घटना भविष्य में दोबारा न हो। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में बारिश जैसे हालात से निपटने के लिए योजना तैयार की जाए और दिल्ली के सभी खुले नालों को ढकने का आदेश दिया जाए। इसके अलावा आम जनता को साईन बोर्ड के जरिये जागरूक किया जाए ताकि वे नालों से दूर रहें।
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याचिका में कहा गया है कि इस मामले में डीडीए के 26 फरवरी 1986 के सर्कुलर नंबर 135 का खुलेआम उल्लंघन हुआ है जिसमें कहा गया है कि गहरे नाले को खाली नहीं छोड़ा जाए और कोई मेनहोल बिना कवर का न हो ताकि किसी दुर्घटना से बचा जा सके। दिल्ली में बाढ़ प्रबंधन की कमी और नालों को खुला छोड़ने से दिल्ली वासियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है क्योंकि ये जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है।
उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में रहने वाली 22 वर्षीय महिला तनुजा और उनका तीन साल का बेटा प्रियांश 31 जुलाई को गाजीपुर से गुजर रहे थे। काफी बारिश की वजह से गाजीपुर नाले से पानी ओवरफ्लो हो रहा था। महिला अपने बच्चे के साथ नाले में गिर पड़ी और दोनों की मौत हो गई।