Government employees will no longer go on strike in view of the Prime Minister's program
Government employees will no longer go on strike in view of the Prime Minister's program

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर सरकारी कर्मचारी अब नहीं जाएंगे हड़ताल पर

-सरकार ने प्रधानमंत्री के गुजरात प्रवास के बाद 5 दिन में हल निकालने का जताया भरोसा

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 16 और 17 सितम्बर को दो दिवसीय गुजरात प्रवास पर रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना समेत लंबित मांगों को लेकर नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितम्बर से आंदोलन की चेतावनी दी थी। इधर, कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर सरकार और अधिकारियों की उच्चस्तरीय मीटिंग में कर्मचारियों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की गई है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रवास के बाद 5 दिन के अंदर उनकी मांगों पर समाधान करने का आश्वासन दिया गया है। सरकार की ओर से की गई अपील का कर्मचारियों पर सकारात्मक असर हुआ है और कर्मचारियों ने फिलहाल हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की है।

Also read this: ईशा देओल ने किया खुलासा- पिता धर्मेंद्र पुराने जमाने के ख्यालों के हैं

सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी का सरकार पर व्यापक असर हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा से सरकार पशोपेश में पड़ गई थी। सरकार की ओर से पीएम के गुजरात प्रवास के बाद उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का भरोसा दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से आगामी सप्ताह में कर्मचारियों की मांग को लेकर बैठक की जाएगी। गुजरात के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी लंबित 10 मांगों को लेकर 17 सितम्बर से पेन डाउन हड़ताल पर जाना तय किया था। इसके अलावा 6 से 27 अक्टूबर तक जोन में धरना का कार्यक्रम भी होना तय है। कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन 17 सितम्बर को पेन डाउन कर काम का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं। करीब 24 हजार शिक्षक और दूसरे कर्मचारी मिलाकर कुल 60 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2022 में सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम देने की घोषणा की थी। दो साल बाद भी इस पर अमल नहीं होने से कर्मचारी नाराज हो गए थे। इसके अलावा फिक्स वेतन, ग्रेड पे की विसंगतियां दूर करने, उच्चतर वेतन विसंगति दूर करने, नौकरी के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को नौकरी देने, 50 साल के बाद कर्मचारियों को विभागीय परीक्षा से मुक्ति देने, आउट सोर्सिंग बंद करने और राहत दर पर आवासीय प्लॉट देने जैसी मांगें शामिल हैं।