शिमला: हिमाचल से राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल से रिहाई पर प्रतिक्रिया दते हुए कहा है कि केजरीवाल को पूर्ण रूप से राहत नहीं मिली बल्कि उन्हें सशर्त जमानत दी गई है। हर्ष महाजन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ‘जेल वाला सीएम, अब बेल वाला सीएम हो गया है।’ उनका कहना है कि जाे सीएम किसी फाइल को साइन नहीं कर सकते, दफ्तर नहीं जा सकते, तो उनके लिए बचा ही क्या है? अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद की गरिमा रखते हुए और दिल्ली की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए अपना इस्तीफा देना चाहिए।
महाजन ने आगे कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी संवैधानिक पद पर बैठा हो और उसे जेल हो जाए, तो उस व्यक्ति को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। मगर अरविंद केजरीवाल छह महीने तक जेल में रहे और सशर्त बेल मिलने पर भी इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘भ्रष्टाचार युक्त, सीएम अभियुक्त।’ महाजन ने कहा कि जो अरविंद केजरीवाल पहले कहते थे कि उनकी गिरफ़्तारी गैर कानूनी है, मगर उनके इस वक्तव्य को सर्वाेच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने खारिज किया है और कहा है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी किसी भी रूप से गैर कानूनी नहीं है, बल्कि कानून के अनुरूप है।
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उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक अभियुक्त है और उनके पास ये अधिकार है कि न्यायालय के समक्ष जाकर खुद के लिए कानूनी लड़ाई लड़े जिसको कानून की परिभाषा में “लगाए गए आरोपों को खारिज करना” कहते हैं जिसका अधिकार केवल हाईकोर्ट या फिर सर्वाेच्च न्यायालय के पास है।