योगी सरकार ने दो वर्षों में गरीब बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति में 436 करोड़ रुपये किए खर्च
उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों को लेकर योगी सरकार लगातार कार्य कर रही है। सरकार ने दो वर्षों में 436 करोड़ रुपये की राशि गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति में खर्च की है, जिससे उन विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में आसानी हो रही है, जो आर्थिक कारणों से अपनी फीस का भुगतान नहीं कर पाते थे। यह कदम खासतौर पर ग्रामीण और छोटे शहरों के बच्चों के लिए एक संजीवनी साबित हुआ है।
योगी सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके, बिना किसी आर्थिक बाधा के। इस योजना के तहत सरकार ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने वाले ऐसे छात्रों को लाभ पहुंचाया है, जिनके परिवार की वित्तीय स्थिति कमजोर है। इस पहल से करीब लाखों बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहन मिला और उनके शिक्षा के सपनों को साकार करने में मदद मिली।
सरकार ने इस योजना को लेकर दावा किया है कि शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह कदम राज्य में शैक्षिक समावेशन और समानता को भी मजबूत करेगा। सरकार का मानना है कि अगर बच्चों को बुनियादी शिक्षा का अवसर मिलेगा तो वे भविष्य में समाज की प्रगति में योगदान दे सकेंगे।