कैंची धाम के नहीं खुले द्वार, भक्तों ने रोड से किए बाबा के दर्शन

कोरोना के चलते इस बार भी नहीं हुआ विशाल भंडारे का आयोजन

भास्कर समाचार सेवा

नैनीताल। कोरोना संक्रमण महामारी की दूसरी लहर के चलते इस वर्ष  भी 15 जून को बाबा नीम करौली महाराजा धाम कैंची में विशाल भंडारे का आयोजन इस वर्ष भी नहीं हुआ, जिसके चलते भक्तों में मायूसी छाई रही गई। कोरोनावायरस महामारी के चलते मंदिर परिसर को भक्तों के दर्शन के लिए बंद कर रखा है। प्रातः से ही आसपास के कुछ भक्त कैंची धाम मंदिर पहुंच रोड से ही बाबा को नमन करते रहे। कैंची धाम में 57 सालों में दूसरी बार  विशाल भंडारे का आयोजन नहीं हुआ। 15 जून को हजारों की संख्या में भक्त कैंची धाम पहुंचकर विशाल भंडारे में शामिल होकर बाबा का आशीर्वाद लेते थे और कैंची धाम भक्तों के जयकारों से गूंज उठता था। बीते सालों से महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका। बाबा के भक्तों ने घरों पर रहकर ही पूजा अर्चना कर बाबा से इस महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की।

स्थानीय भक्त बीना बोहरा का कहना है हमारे घर से कैंची धाम मंदिर हमारे गांव से 12 किमी की दूरी पर है। हर वर्ष हम भव्य भंडारे में आते थे और बाबा के दर्शन करके प्रसाद ग्रहण करते थे, लेकिन पिछले दो सालों से महामारी के चलते मंदिर में बाबा के दर्शन भी नहीं कर पाए हैं। महामारी के खात्मे के लिए यह जरूरी भी है। क्योंकि हजारों की तादात में बाबा के भक्त दर्शनों के लिए इस आयोजन का हिस्सा बनते हैं।

बताते चलें कि कैंची मेला नैनीताल जिले का भव्य आयोजन है। इसकी तैयारी माह मार्च से शुरू हो जाती है। मंदिर समिति अध्यक्ष विनोद जोशी ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया गया। सांकेतिक रूप से कैंची धाम में स्थापना दिवस मनाया गया, वहीं बाबा से इस महामारी से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की गई, ताकि अगले वर्ष धूमधाम से स्थापना दिवस मनाया जाए और देश-विदेश से भक्त बाबा के दर्शन व आशीर्वाद लेने के लिए कैंची धाम पहुंच सकें।

भीमताल निवासी बाबा के भक्त नितेश बिष्ट का कहना है कि बाबा के दर्शन ना कर पाना और भंडारा ना होने से वह बेहद दुखी हैं। यह दुख का विषय है, लेकिन वर्तमान परिपेक्ष्य में लोगों ने कोरोना महामारी को देखते हुए घरों से ही बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया।

बाबा नीम करौली को माना जाता है भगवान हनुमान का अवतार

कहा जाता है कि बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान की उपासना करने के बाद अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। लोग उन्हें हनुमान का अवतार भी मानते हैं, लेकिन बाबा बेहद साधारण तरीके से रहते थे और अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे। नीम करौली बाबा के देश विदेशों में कई आश्रम हैं। इनमें से सबसे बड़ा आश्रम कैंची धाम और अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी में स्थित टाउस आश्रम है।