जमीनी विवाद के चलते मंगलवार को की गई थी दो भाइयों की हत्या
भास्कर समाचार सेवा
रुद्रपुर। शहर से सटे किच्छा रोड स्थित मल्शी क्षेत्र के प्रीत नगर गांव में मंगलवार को जमीनी विवाद को लेकर के सिख परिवार के दो सगे भाइयों को ताबड़तोड़ गोलियों से मौत के घाट उतारने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों बाद यूपी के सीमा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। बरेली के बहेड़ी क्षेत्र से हत्यारोपी पुलिस के शिकंजे में आए। इसमें उत्तराखंड पुलिस के एक दरोगा को भी आरोपी बनाया है, जो घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी का सगा भाई है। वहीं मारे गए दोनों सगे भाइयों के शवों का बुधवार को गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए एसएसपी ऊधमसिंहनगर दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि मल्शी के प्रीत नगर गांव में दो पक्षों के बीच में काफी समय से जमीन का विवाद चल रहा था। मंगलवार को जमीन की मेढ़ को बनाने पर विवाद हो गया और दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। तभी राकेश मिश्रा उर्फ पप्पू अपने दो भतीजे शुभम मिश्रा और शिवम मिश्रा को साथ ज्यादा आक्रोशित हो गया और वहां अपनी 315 बोर की बंदूक साथ में लाया था और उसने एकाएक ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिसमें गुरुपेज सिंह और गुरु कीर्तन की मौत हो गई। इसके बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और गांव में किसी अप्रिय घटना की आशंका से पुलिस फोर्स तैनात कर मोर्चा संभाल लिया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को जल्द ही घटना के खुलासे का अल्टीमेटम भी दिया। उसी आधार पर एसएसपी ने विभिन्न टीमों का गठन कर हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी और कुछ ही घंटों में उन्हें धर दबोचा। हालांकि इस पूरे मामले की अभी पुलिस और गहनता से जांच कर रही है क्योंकि इसमें राजेश मिश्रा, जो राकेश मिश्रा का भाई है और उत्तराखंड पुलिस में दरोगा है, वर्तमान में उसकी तैनाती काठगोदाम में है। वह घटनास्थल पर नहीं था, जबकि उन्हें ड्यूटी पर बताया जा रहा है। जिस रिवाल्वर से हत्या हुई, वह भी दरोगा की ही बताई जा रही है। इसलिए अब इस पूरे घटनाक्रम की जांच रुद्रपुर कोतवाली के एसएसआई प्रवीण कुमार सिंह कर रहे हैं।
शहर के किच्छा रोड स्थित प्रीत नगर गांव में दो सगे भाइयों की हत्या के बाद पुलिस ने जहां खुलासा किया वहीं बहुत सारे चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि मुख्य हत्यारोपी पप्पू मिश्रा को जब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, उसके बाद जब पुलिस की जांच हुई तो पता लगा कि राजेश मिश्रा, जो उत्तराखंड पुलिस का दरोगा है और वर्तमान में काठगोदाम में तैनात है, उसके खुद ही अपने नाम दो लाइसेंसी हथियार हैं, जबकि तीसरा लाइसेंस चाहता है। एक हथियार उसकी पत्नी के नाम पर है, इसके अलावा तीन अन्य लाइसेंसी हथियार एक भाई और अन्य के नाम हैं। एक ही परिवार में 6 लाइसेंसी हथियार होना अपने आप में एक जखीरे से कम नहीं है। आखिर प्रशासन ने किस तरह से यह लाइसेंस बना दिए, इस पर तमाम तरह के सवाल उठने लग गए हैं। पुलिस के लिए अब यह भी मामला पेचीदा हो गया है कि वह अपने दरोगा को बचाए या फिर इसमें उसे दोषी सिद्ध करे। मामला एसएसपी ने अभी जांच का बताया है, लेकिन लाइसेंसी हथियार किसी दूसरे व्यक्ति को दे देना अपने आप में अपराध की श्रेणी में आता है। फिलहाल एसएसपी ने इस मामले में पूरी जांच का आश्वासन दिया है।