गणतंत्र दिवस : राजपथ से तंगैल फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे वायुसेना के विमान…

गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के विमान तंगैल फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। भारतीय वायुसेना ने इसकी जानकारी दी है। वायुसेना ने बताया कि इस फ्लाइपास्ट के दौरान वायुसेना का हेरिटेज विमान डाकोटा और दो डॉर्नियर डीओ-228 विमान उड़ान भरेंगे। यह विमान एविएशन टर्बाइन फ्यूल और बायोफ्यूल के मिश्रण से तैयार किए फ्यूल से उड़ान भरेंगे।

1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध से है नाता
दरअसल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बांग्लादेश के तंगैल इलाके में भारतीय सेना ने एक खास ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन की वजह से ही पाकिस्तान के बांग्लादेश से पांव उखड़ गए थे और भारत की जीत तय हो गई थी। यह था ऑपरेशन तंगैल, जिसमें भारतीय सेना की पूरी एक टुकड़ी को बांग्लादेश के तंगैल में एयर ड्रॉप कराया गया था।

दरअसल जब 1971 में भारत-पाकिस्तान की लड़ाई छिड़ी हुई थी तो पाकिस्तान की सेना ने ढाका को कब्जाने के मकसद से हजारों की संख्या में अपने सैनिकों की ढाका की तरफ रवाना किया था। भारतीय सेना को जब इसकी भनक लगी तो लेफ्टिनेंट कर्नल कुलदीप सिंह पन्नू की अगुवाई में भारतीय सेना के पैराट्रूपर्स की एक बटालियन ने तंगैल में एयरड्रॉप किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना के 52 विमानों से करीब 700 पैराट्रूपर्स हवाई जहाजों से कूदे थे। साथ ही जवानों के हथियारों और वाहनों को भी एयर ड्रॉप किया गया।

पुल पर पाकिस्तानी सेना को घेरा
तंगैल में जमना नदी पर एक पुल था, जो ढाका जाने का रास्ता था। भारतीय सैनिकों ने इस पुल पर पाकिस्तानी सेना पर हमला बोल दिया और साथ ही इस पुल को तबाह कर दिया। जिससे पाकिस्तानी सेना के पांव उखड़ गए। माना जाता है कि ऑपरेशन तंगैल के बाद ही पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के नेतृत्व में आत्मसमर्पण करने का रास्ता साफ हो गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा एयरबोर्न ऑपरेशन था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.