नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या के मामले में गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि सीआईएसएफ कर्मियों के पास उचित आवास और बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 5 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया है।
गृह मंत्रालय का कहना है कि कठिनाइयों और समस्या के बावजूद सीआईएसएफ कर्मी एसएमपी कोलकाता में रह रहे हैं, जहां से कालेज तक आने में लगभग 1 घंटे का समय लगता हैै। आपात स्थिति में वह किसी भी समस्या से निपटने के लिए सक्षम नहीं हो पाएंगे। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के साथ 2 सितंबर को पर्याप्त रसद व्यवस्था और सुरक्षा उपकरणों की मांग को रखा था। गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगर राज्य सरकार व्यवस्था करने में नाकाम रहती है तो उनके अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 अगस्त को डॉक्टरों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए भरोसा दिलाया था कि उनके खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की इस आशंका पर गौर किया था कि विरोध प्रदर्शन हिंसक हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रशासन विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए कानून के मुताबिक काम करने को स्वतंत्र है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।