उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में रविवार (फ़रवरी 07, 2021) को ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद रातभर चले राहत और बचाव कार्य के बीच चमोली जिला पुलिस ने बताया कि अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं। अभी भी 125 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
दूसरी ओर, टनल में फंसे हुए श्रमिकों की तलाश और बचाव में रातभर दुर्गम इलाकों में कार्य जारी रहा। उत्तराखंड में हुए इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि भारतीय थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP, SDRF तत्परता से बचाव कार्य में घटनास्थल पर पहुँच चुके हैं और अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं। साथ ही, केंद्र सरकार बचाव कार्यों की लगातार मोनिटरिंग कर रही है
सुबह 04 बजे से एक बार फिर बचाव कार्य शुरू किया गया है। सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है। प्रभावित रैणी और तपोवन में राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। तपोवन टनल से मलबा हटाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो सुरंगों में अभी भी 50 लोग फँसे हैं। बचाव कार्यों के लिए भारतीय सेना द्वारा जोशीमठ में कण्ट्रोल रूम तैयार कर लिया गया है। मौके पर जेसीबी, चीता हेलिकॉप्टर, इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स, मेडिकल टीम तैनात हैं।’
रात को ही भारतीय वायुसेना के दो C-130 एयरक्राफ्ट NDRF की टीम के साथ देहरादून के जॉलीग्रांट एअरपोर्ट पर उतरे, जिन्हें प्रभावित इलाकों में भारतीय वायुसेना (IAF) के चॉपर्स से भेजा गया। भारतीय वायुसेना ने पूरी मदद का आश्वासन दिया है। इससे पहले ITBP, NDRF, SDRF रेस्क्यू ऑपरेशन्स में मौजूद थे।
इसके साथ ही, ब्रिटेन, अमेरिका, फ़्रांस के बाद अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी उत्तराखंड में हुए इस हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए बचाव कार्यों में सहयोग का आश्वासन दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा, “महासचिव को उत्तराखंड में ग्लेशियर के फटने और उसके बाद आई बाढ़ से हुए जानमाल के नुकसान और दर्जनों लोगों के लापता होने का गहरा दुख है। वह पीड़ितों के परिवारों, लोगों और भारत सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं। संयुक्त राष्ट्र आवश्यकता होने पर बचाव और सहायता प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।”