सोचिए, आप किसी ट्रेन में सफर कर रहे हैं। वो तेज रफ्तार से अपने रास्ते चली जा रही है और अचानक वो उलटी दिशा में उसी स्पीड से चलने लगे तो उसमें बैठे यात्रियों की हालत क्या होगी। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में हुआ। यहां एक बड़ा हादसा होते-होते किसी तरह टल गया।
दरअसल, दिल्ली से उत्तराखंड के टनकपुर के लिए बुधवार को पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस निकली। टनकपुर से कुछ दूरी पर खटीमा के पास अचानक ट्रेन रिवर्स चलने लगी। ट्रेन काफी स्पीड में थी। अचानक हुए इस घटनाक्रम से यात्री सकते में पड़ गए। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर ये हो क्या रहा है। ट्रेन में सवार कुछ यात्री अपने रिश्तेदारों को फोन मिलाने लगे तो कुछ दरवाजे के पास आकर बाहर झांकने लगे।
लोग काफी देर तक इस तरह ही परेशान होते रहे। लेकिन आखिर 35 किलोमीटर तक चलने के बाद ट्रेन किसी तरह खटीमा यार्ड के पास रुक गई। किसी भी यात्री को इसमें कोई नुकसान हीं हुआ। उलटी दिशा में जाती ट्रेन के बारे में कुछ देर में ही आसपास खबर फैल गई। लोगों ने रिवर्स चल रही इस ट्रेन का वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया। ट्रेन रुकने के बाद रेलवे ने यात्रियों को बस से टनकपुर भेजा।
रेलवे भी कंफ्यूज, रिवर्स कैसे चलने लगी ट्रेन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्राइवर ने ट्रैक पर घूम रहे मवेशियों को बचाने के लिए अचानक ब्रेक लगा दिए। इसके बाद ट्रेन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई और ट्रेन रिवर्स चलने लगी।
लोको पायलट और गार्ड सस्पेंड
रेलवे ने लोको पायलट और ट्रेन के गार्ड को सस्पेंड कर दिया है। मामले की जांच जारी है। नॉर्थ इस्टर्न रेलवे ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा- “17.03.2021 को खटीमा-टनकपुर सेक्शन के बीच मवेशी के कारण एक घटना घटी। ट्रेन खटीमा यार्ड से थोड़ी ही दूर सुरक्षित रूप से रुक गई। कोई भी कोच पटरी से नहीं उतरा और सभी यात्रियों को सुरक्षित टनकपुर पहुंचाया गया। लोको पायलट और गार्ड को निलंबित कर दिया गया है। एक सप्ताह में दूसरा बड़ा हादसा टला
उत्तराखंड में एक सप्ताह के अंदर ये दूसरी बड़ी घटना है, जिसमें बड़ा हादसा होते-होते बचा है। इससे पहले शनिवार को दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में आग लग गई थी। उस घटना में भी कोई यात्री घायल नहीं हुआ था। उस वक्त धधकते हुए कोच को ट्रेन से अलग किया गया था। गनीमत ये रही थी कि बोगी पहले ही खाली हो चुकी थी।