कोरोना महामारी के समय में एक से 30 अप्रैल तक महाकुंभ आयोजन हुआ। देश के अलग-अलग राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार पहुंची। श्रद्धालुओं की कोरोना जांच का जिम्मा 11 निजी पैथोलॉजी लैबों को दिया गया था।
कुंभ आयोजन में जांच के लिए निजी पैथोलॉजी लैबों को आरटीपीसीआर और एंटीजन दोनों तरह की जांच करनी थी। श्रद्धालुओं की जांच जिले की सीमाओं से लेकर मेला क्षेत्र में भी हुई। अधिकृत निजी लैबों की ओर से जांच में गड़बड़ी के खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है।
शासन की तरफ से निर्देश के बाद डीएम सी. रविशंकर की ओर गठित सीडीओ सौरभ गहरवार की अध्यक्षता वाली समिति जांच कर रही है। समिति में सीडीओ के अलावा मुख्य कोषाधिकारी नीतू और जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान को शामिल किया गया है।
कोविड जांच घोटाले में मेला प्रशासन पर अंगुलियां उठने लगी हैं। बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में मेला अधिष्ठान ने भी अपनी तरफ से एक अलग जांच कमेटी बनाई है। कुंभ मेला अधिकारी (स्वास्थ्य) अर्जुन सिंह सेंगर ने कुंभ मेला क्षेत्र में अधिकृत की गई सभी लैैबों की जांच करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की है।
इस जांच कमेटी का नोडल अधिकारी डॉ. एनके त्यागी को बनाया गया है। कमेटी में एसीएमओ डॉ. एचडी शाक्या, लिपिक सुभाष चंद और फार्मासिस्ट प्रदीप पांडे को शामिल किया गया है।
प्रमुख स्नान – कोरोना टेस्ट – पॉजिटिव केस
12 अप्रैल सोमवती अमावस्या -16397 – 102
13 अप्रैल बैशाखी का स्नान – 8400 – 25
14 अप्रैल मेष संक्रांति स्नान – 31308 – 592
21 अप्रैल रामनवमी स्नान – 5059 – 37
27 अप्रैल अंतिम शाही स्नान – 2726 – 1
गौरतलब है कि उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ आयोजन के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में कम से कम एक लाख कोरोना टेस्ट फर्जी पाए गए हैं।
उत्तराखंड सरकार की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने इतनी बड़ी जांच में कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं। हरिद्वार जिला प्रशासन ने अब उन आरोपों की जांच का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है हरिद्वार में कुंभ उत्सव के दौरान कोरोना टेस्टिंग करने के लिए काम करने वाली प्राइवेट लैब्स की ओर से नकली रिपोर्ट जारी की गई थीं। जिसके बाद अब जांच कमेटी गठित की गई है।