उदित नैनवाल शास्त्री
उत्तराखंड के प्रसिद्ध बुग्याल में सुमार बेदनी बुग्याल अपने में एक अलग पहचान बनाए रखता है , बेदनी बुग्याल आस्था का प्रतीक है .और यहां लोग देश-विदेश से आस्था हो या बुग्याल का लुफ्त उठाने यहां पहुंचते हैं .लेकिन हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद बुग्याल आवाजाही के लिए हो या रात्रि विश्राम के लिए बंद किए हैं .लेकिन केवल लोक जात यात्रा के लिए यहां रात्रि विश्राम के लिए हाईकोर्ट ने अनुमति दी थी क्योंकि यह बेदनी और यहां का कुंड आस्था का प्रतीक है ।
इसके साथ ही मखमली बुग्याल पर खतरा मंडराता देख और लगातार बुग्याल में हो रहे भूस्खलन से बुग्यालों का अस्तित्व खतरे की जद में है. वेदनी बुग्याल हो या आली बुग्याल हो अब धीरे-धीरे भू कटाव के चलते इन बुग्यालो के अस्तित्व खतरे की जद में है. हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि बुग्याल में आवाजाही ,अतिक्रमण हो या बुग्यालों में भेड़ ,बकरी एवं गाय ,भैंस चुगान के लिए पहुंच रहे थे .जिससे मखमली बुग्याल खुर्द बुर्ज हो रहे थे .और बुग्याल धीरे-धीरे खाली हो रहे थे जिससे भू कटाव तेजी से बढ़ रहा था लेकिन हाई कोर्ट के रोक के बावजूद भी यहां स्थानीय लोगो के गाय ,भैंस आज वहां पहुँचे है। कुछ ट्रेकिंग कम्पनियां और पर्यटक बुग्यालों के अस्तित्व को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं. छुप-छुप के यहां पर्यटन रात्रि विश्राम के लिए वेदनी बुग्याल में पहुंच रहे हैं.
वेदनी, आली बुग्याल में बढ़ते भू कटाव एवं मखमली घास का उखड़ना बुग्याल के लिए खतरा बन रहा है .सरकार को इन बुग्यालों के संरक्षण के लिए आगे आना पड़ेगा नहीं तो आने वाले कुछ सालों में इन बुग्यालो का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और उत्तराखंड कि जो शोभा बढ़ाएं हुये इन बुग्यालों का जो नाम है. वह धीरे-धीरे विलुप्त की और चले जाएंगे वन विभाग के द्वारा इन बुग्याल में भू कटाव न हो उसके लिए कुछ सुरक्षा के इंतजाम तो किए हैं लेकिन वह सुरक्षा के इंतजाम कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को कुछ कठोर कदम इन मखमली एवं शोभा बढ़ाने वाले इन बुग्यालों के लिए करना चाहिए क्योंकि इन्हीं बुग्याल से सरकार ने लाखों का राजस्व कमाया है।
अत्यधिक बारिश होने से और बुग्याल में निकल रहे पानी से भू कटाव का खतरा बढ़ता देख आम जनमानस को भी बेदनी ,औली बुग्याल की चिंता सताने लगी है. आस्था का केंद्र वेदनी कुंड का जो जल है. वह भी अब धीरे-धीर रिसाव हो रहा है जिससे कुंड में जल की कमी देखने को मिल रही है. इस कुंड में नंदादेवी राजजात यात्रा हो या लोकजात यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं .और कहा जाता है कि जो भक्त जो श्रद्धालु इस कुंड में स्नान करता है. वह पाप से मुक्त हो जाता है