बिहार जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट आखिरकार जमीन पर आ गया। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने गांधी जयंती पर प्रेस कांफ्रेंस कर रिपोर्ट जारी की। उन्होंने रिपोर्ट को लेकर तमाम बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी है। सोमवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने यह रिपोर्ट जारी की।बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी है। सोमवार को बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर आंकड़ों की पुस्तिका जारी की।

बिहार सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इनमें कुछ ऐसी जातियां भी हैं जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है। 214 जातियों को अलावा 215वें नंबर पर अन्य जातियों का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है। आंकड़ों की मानें, राज्य की आबादी 13,07,25,310 है। वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। इसमें पुरुषों की कुल संख्या 4 करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है। राज्य में प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं।

बिहार में 81.99 प्रतिशत हिन्दू हैं
बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82% हिंदू हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7% है। शेष ईसाई सिख बौद्ध जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1% से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया। बिहार में जब भारतीय जनता पार्टी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी सरकार में थी, तभी बिहार विधानसभा और विधान परिषद ने राज्य में जाति आधारित गणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। कोरोना की स्थिति संभालने के बाद 1 जून 2022 को सर्वदलिय बैठक में जाति आधारित गणना को सर्वसम्मति से करने का प्रस्ताव पारित किया गया। 

जानिए, किस वर्ग की कितनी आबादी

  • सामान्य वर्ग – 15.52%
  • पिछड़ा वर्ग- 27.12%
  • ओबीसी – 36.1%
  • अनूसूचित जाति- 19.65%
  • अनूसचित जनजाति – 1.68%

जानिए, किस जाति की कितनी आबादी

  • यादव – 14.26%
  • रविदास- 5.25%
  • दुसाध-5.31%
  • कोइरी- 4.21%
  • ब्राह्मण- 3.67%
  • राजपूत-  3.45%
  • मुसहर- 3.08%
  • भूमिहार- 2.89%
  • कुरमी- 2.87%
  • तेली- 2.81%
  • बनिया-2.31%
  • कानू-2.21%
  • चंद्रवंशी-1.64%
  • कुम्हार-1.40%
  • सोनार-0.68%
  • कायस्थ – 0.60%

दो फेज में पूरी हुई थी जाति आधारित गणना

बिहार में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। वहीं 15 अप्रैल से दूसरा चरण की गणना की शुरुआत हुई। इसे 15 मई को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, मामला कोर्ट में चला गया। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने गणना पर रोक लगा दिया था। बाद में फिर पटना हाईकोर्ट ने ही जाति आधारित गणना को हरी झंडी दी।दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय समेत अन्य जानकारियां जुटाई गईं। इसके बाद मामला सुप्रीमो कोर्ट में भी गया। लेकिन, कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें|

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