कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गांव बिधनोई में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 में मेरे साथ किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भी भाजपा में शामिल होने वाली थी, लेकिन उन्होंने अपने कदम वापस खींच लिए और मैंने अपने कदम आगे बढ़ा दिए। मैं भाजपा में टिकट हासिल करने के लिए शामिल नहीं हुआ, मैं तो यहां के लोगों के बीच रहकर यहां के लोगों की सेवा करने के मकसद से भाजपा में शामिल हुआ था। पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताया और पिछले विधानसभा चुनावों में आपने मुझे चुनाव जिताकर अपनी ताकत मेरे हाथों में सौंप दी। तब से मैं लगातार आप लोगों की सेवा कर रहा हूं।
कृषि मंत्री बुधवार को गांत बिधनोई में बिधनोई-बैराण लिंक मार्ग को आधारशिला रखने के बाद गांव के चौक में अपने सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक स्वर्गीय बंसीलाल और सुरेंद्र सिंह जिंदा थे तब उनका हर आदेश माना। उनकी मौत के बाद उसने किरण चौधरी के साथ काम किया। उनके इशारे पर ही उन्होंने 2009 में लोहारू से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव फाइट किया। मगर उस समय यहां के लोगों ने कहा कि ये कहां से आ गया। इसका इस हलके में ना गांव है ना यहां इसकी पहचान।
इसके बावजूद वे उस चुनाव में मात्र 625 मतों से ही चुनाव हारे थे। कृषि मंत्री यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले किरण चौधरी, श्रुति चौधरी और मैंने एक साथ भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था। उस समय मैंने अपने कदम आगे बढ़ा दिए, लेकिन किरण और श्रुति ने अपने कदम पीछे खींच लिए। मैंने उस समय रिस्क लिया, लेकिन किरण और श्रुति ने जोखिम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उसने अपने हाथ से हल जोता हुआ है, पशुचारा काटा हुआ है। मैं किसान की हर समस्या से वाकिफ हूं। इसलिए आज जो मंत्रालय मुझे पार्टी ने दिया, वह किसानों से ही जुड़ा हुआ है। इसलिए वे किसानों के हित में नई-नई योजनाएं लेकर आ रहे हैं। इससे पहले कृषि मंत्री करीब एक किलोमीटर तक सैंकड़ों बाइकों के काफिले के पीछे ट्रैक्टर चलाते हुए समारोह स्थल पर पहुंचे।