41 मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री धामी ने इस अभियान में जुटे सभी बचाव दल के सदस्यों को बधाई दी और उनका धन्यवाद किया।
ऑपरेशन सिल्क्यारा की कामयाबी की खुशी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भी साफ दिखाई दी। 41 मजदूरों के सुरंग में फंसने के बाद मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन की प्रगति जानने के लिए कई बार उत्तरकाशी के चक्कर लगाए और बाद में उन्होंने मातली में कैंप कार्यालय खोल कर डेरा जमा दिया।
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मंगलवार की सुबह स्थानीय बौखनाग देवता की पूजा अर्चना, फिर सुरंग में चल रहे अभियान का हाल-चाल जाने के बाद धामी देहरादून एक कार्यक्रम में गए और फिर मातली लौट आए। माहौल में सुबह से अभियान के सफल होने की चर्चाएं तैर रही थीं।
सीएम ने भी दोपहर बाद एक्स पर पोस्ट किया कि बचाव अभियान अब कामयाबी के बेहद करीब है। फिर सूचना आई की रैट माइनर्स ने अपना काम कर दिया है। शाम आठ बजे के आसपास श्रमिकों के बाहर आने का सिलसिला शुरू हो गया। जब पहला मजदूर बाहर आया तो सीएम ने उसे गले से लगा लिया। वहां मौजूद रक्षा राज्यमंत्री वीके सिंह भी काफी खुश और उत्साहित थे।
41 मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री धामी ने इस अभियान में जुटे सभी बचाव दल के सदस्यों को बधाई दी और उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरों पर खुशी ही मेरे लिए इगास-बग्वाल है। बचाव दल की तत्परता, टेक्नोलॉजी के सहयोग, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक बंधुओं की जीवटता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पल-पल निगरानी और उनके स्तर से दी जा रही मदद और बौखनाग देवता की कृपा से यह अभियान सफल हुआ।
बचाव दल का एक-एक सदस्य देवदूत, मैं हृदय से आभारी हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बड़ी खुशी का दिन है। जितनी प्रसन्नता श्रमिक बंधुओं और उनके परिजनों को है, उतनी ही प्रसन्नता आज मुझे भी हो रही है। बचाव अभियान से जुड़े एक-एक सदस्य का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं। जिन्होंने देवदूत बनकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि सही मायनों में हमें आज इगास पर्व की खुशी मिली है। उन्होंने कहा कि भगवान बौख नाग देवता पर हमें विश्वास था। विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञ इस अभियान में लगे थे।