यूं ही तनकर खड़ा रहे भारत, भाग खड़ा होगा चीनः पूर्व सैन्य अधिकारी नेगी

-लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्डः जीएस नेगी की नजर में भारत का मौजूदा रुख एकदम सही

देहरादून, । चीन के साथ मौजूदा विवाद पर भारत ने जिस तरह का आक्रामक रुख अख्तियार किया है, उससे देश का आम नागरिक तो खुश है ही, रिटायर्ड सैन्य अफसर भी उत्साहित हैं। 1967 में नाथुला में इस तरह के अनुभव से दो-चार हुए लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जीएस नेगी कहते हैं-‘हमें यूं ही तनकर खड़ा रहना है, चीन भाग खड़ा होगा।’ नेगी का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे से बेहद प्रभावशाली संदेश चीन तक पहुंच चुका है। भारत का हर कदम कामयाब हो रहा है।


नेगी कहते हैं-‘1967 में चीन ने नाथुला में ऐसी ही हरकत की थी। हमला करके भारतीय सेना के करीब 70 जवानों को मार दिया था। भारत भयभीत नहीं हुआ। सेना ने अपने तोपखाने का मुंह खोल दिया और चीन के 350 से ज्यादा जवानों की जान चली गई। तब से वह उस इलाके में पलटकर नहीं आया है।’ नेगी 1967 में सिक्किम में तैनात थे। बकौल-नेगी, चीन की रणनीति डराने-धमकाने की है। उसके सामने जो तनकर खड़ा हो जाए, उससे वह घबरा जाता है। दबाव में आने लगता है। भारत इस वक्त चीन के सामने तनकर खड़ा है। भारत ने दिखा दिया है कि जवाब देने में वह पीछे नहीं है।


इन स्थितियों के बीच रिटायर्ड सैन्य अफसर जीएस नेगी के सुझाव भी हैं। नेगी का कहना है कि हमें नेवी और एयरफोर्स का भी चीन पर दबाव बनाने के लिए भरपूर उपयोग करना चाहिए। वह एयरफोर्स के मामले में भारत के प्लस प्वाइंट का खास तौर पर जिक्र करते हैं। वह बताते हैं कि भौगोलिक स्थितियां ऐसी हैं कि भारत के जहाज ज्यादा ईंधन और अन्य सामान के साथ मूव कर सकते हैं, जबकि अक्साई चीन की तरफ से उड़ान भरने पर चीन के लिए बहुत अनुकूल स्थितियां नहीं रहती हैं। नेगी को लगता है कि भारत की कूटनीति और सैन्य नीति दोनों ही कामयाब हो रही हैं। वह कहते हैं-भारत को चीन और पाकिस्तान से दो मोर्चों पर लड़ाई लड़नी पड़ सकती है, लेकिन दुनिया के देशों का जिस तरह से भारत को समर्थन है, उसमें उसे खुद को अकेला नहीं समझना चाहिए। इसके अलावा, अपनी युद्ध सरीखी तैयारी हमेशा रखनी चाहिए।