नई दिल्ली: केंद्रीय परमाणु ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 2031-32 तक तीन गुना हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 2031-32 तक 8180 मेगावाट से बढ़कर 22480 मेगावाट हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में 2070 तक भारत के नेट जीरो ऊर्जा संक्रमण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विभिन्न अध्ययनों ने 2047 तक 1 लाख मेगावाट की राष्ट्रीय परमाणु क्षमता की आवश्यकता का अनुमान लगाया है, उन अध्ययनों की सिफारिशों को भविष्य में अपनाने की संभावना के लिए देखा जा रहा है।
परमाणु ऊर्जा की क्षमता वृद्धि पर सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो 2013-14 में 4,780 मेगावाट से बढ़कर वर्तमान में 8,180 मेगावाट हो गई है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से वार्षिक बिजली उत्पादन भी 2013-14 में 34,228 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2023-24 में 47,971 मिलियन यूनिट हो गया है।
Also read this: भारत-बांग्लादेश के बीच समन्वय बैठक
डॉ. सिंह ने बताया कि देश में वर्तमान में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 8,180 मेगावाट है, जो 24 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों में फैली हुई है। वर्तमान में 15300 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 21 रिएक्टर न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। 7300 मेगावाट की कुल क्षमता वाले नौ (09) रिएक्टर [भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) द्वारा प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) सहित] निर्माणाधीन हैं और 8000 मेगावाट की क्षमता वाले बारह (12) रिएक्टर [भाविनी द्वारा फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (एफबीआर) की 2 x 500 मेगावाट की जुड़वां इकाई सहित] पूर्व-परियोजना गतिविधियों के तहत हैं।