भारत ने विश्व कप में 20 साल बाद इंग्लैंड को हराया, विश्व कप में लगातार छठी जीत की हासिल

भारत ने इस जीत के साथ ही दो अंक हासिल कर लिए हैं। उसके अब छह मैचों में 12 अंक हो गए हैं। उसने पहले स्थान से दक्षिण अफ्रीका को हटा दिया। दूसरी ओर, इंग्लैंड के छह मैचों में दो अंक ही हैं। उसे पांचवीं हार का सामना करना पड़ा।

भारत ने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ रविवार (29 अक्तूबर) को यादगार जीत हासिल की। उसने 20 साल बाद विश्व कप में इंग्लैंड को हराया। टीम इंडिया को पिछली बार 2003 में उसके खिलाफ जीत मिली थी। उसके बाद 2011 में दोनों टीमों के बीच मुकाबला बंगलूरू में टाई रहा था। वहीं, 2019 में भारतीय टीम बर्मिंघम में हार गई थी।

भारत ने इस जीत के साथ ही दो अंक हासिल कर लिए हैं। उसके अब छह मैचों में 12 अंक हो गए हैं। उसने पहले स्थान से दक्षिण अफ्रीका को हटा दिया। टीम इंडिया अभी आधिकारिक रूप से सेमीफाइनल में नहीं पहुंची है। अगर वह दो नवंबर को श्रीलंका के खिलाफ जीत हासिल कर लेती है तो अंतिम-4 में पहुंच जाएगी। दूसरी ओर, इंग्लैंड के छह मैचों में दो अंक ही हैं। उसे पांचवीं हार का सामना करना पड़ा। गत विजेता टीम अब विश्व कप से बाहर होने के कगार पर है। वह अंक तालिका में सबसे नीचे 10वें स्थान पर है।

भारत की विश्व कप में 59वीं जीत
भारत की विश्व कप में कुल 59वीं जीत है। उसने इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा जीत के मामले में न्यूजीलैंड को पीछे छोड़ दिया। न्यूजीलैंड ने 58 मैच जीते हैं। अब भारत से आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया है। उसने 73 मैच जीते हैं।

भारतीय गेंदबाजों ने बरपाया कहर
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। भारत ने 50 ओवर में नौ विकेट पर 229 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की 34.5 ओवर में 129 रन पर सिमट गई। भारत के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी ने इस मुकाबले में भी घात गेंदबाजी की और चार विकेट अपने नाम किए। अनुभवी जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट चटकाए। कुलदीप यादव को दो और रवींद्र जडेजा को एक सफलता मिली।

इंग्लैंड के तीन बल्लेबाज खाता नहीं खोल पाए
भारतीय गेंदबाजों ने लगातार विकेट चटकाए और इंग्लैंड को दबाव में बनाए रखा। जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे दिग्गजों के अलावा मार्क वुड भी खाता नहीं खोल पाए। इंग्लैंड के लिए लियाम लिविंगस्टोन ही इकलौते ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने 20 रन का आंकड़ा पार किया। उन्होंने सबसे ज्यादा 27 रन बनाए। डेविड मलान ने 16, डेविड विली ने नाबाद 16, मोईन अली ने 15, जॉनी बेयरस्टो ने 14, आदिल रशीद ने 13, जोस बटलर और क्रिस वोक्स ने 10-10 रन बनाए।

40 रन पर गिर गए थे भारत के तीन विकेट
इससे पहले टॉस हारकर बल्लेबाजी करते हुए भारत की शुरुआत बेहद खराब रही थी। 40 रन तक टीम ने तीन विकेट गंवा दिए थे। शुभमन गिल नौ रन बनाकर, विराट कोहली खाता खोले बिना और श्रेयस अय्यर चार रन बनाकर आउट हुए। विश्व कप के इतिहास में पहली बार कोहली खाता नहीं खोल सके। वहीं, श्रेयस एक बार फिर शॉर्ट बॉल पर आउट हुए।

रोहित और राहुल ने संभाली पारी
इसके बाद रोहित ने केएल राहुल के साथ चौथे विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी निभाई। राहुल 58 गेंद में तीन चौके की मदद से 39 रन बनाकर आउट हुए। इस बीच रोहित ने वनडे करियर का 54वां अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने 66 गेंद में पचास रन बनाए। इसके बाद रोहित ने सूर्यकुमार के साथ पांचवें विकेट के लिए 33 रन की साझेदारी निभाई। शतक से 13 रन दूर रोहित आदिल रशीद की गेंद पर लिविंगस्टोन को कैच थमा बैठे। उन्होंने 101 गेंद पर 87 रन की अपनी पारी में 10 चौके और तीन छक्के लगाए।

सूर्यकुमार ने खेली उपयोगी पारी
रवींद्र जडेजा आठ रन बनाकर आउट हुए। आखिर में सूर्यकुमार यादव ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए और भारत का स्कोर 200 के पार पहुंचाया। वह 47 गेंद पर चार चौके और एक छक्के की मदद से 49 रन बनाकर आउट हुए। शमी एक रन बनाकर आउट हुए। वहीं, जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव ने नौवें विकेट के लिए 21 रन की साझेदारी निभाई। बुमराह आखिरी गेंद पर रन आउट हुए। वह 25 गेंद में 16 रन बना सके। कुलदीप नौ रन बनाकर नाबाद रहे। इंग्लैंड की ओर से विली ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। वहीं, क्रिस वोक्स और आदिल रशीद को दो-दो विकेट मिले। मार्क वुड को एक विकेट मिला।

इंग्लैंड ने बनाया शर्मनाक रिकॉर्ड
विश्व कप इतिहास में इंग्लैंड की टीम ने एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया है। वह पहली बार विश्व कप में लगातार चार मैचों में हारी है। कोई गत विजेता टीम दूसरी बार विश्व कप में लगातार चार मैच हारी है। इंग्लैंड से पहले ऑस्ट्रेलिया 1992 में लगातार चार मैच हारा था। वह 1987 में विश्व कप जीतने के बाद गत विजेता टीम के रूप में उतरा था।

भारतीय गेंदबाजों ने छह बल्लेबाजों को बोल्ड किए
भारतीय गेंदबाजों ने इसा मैच में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड के छह बल्लेबाजों को क्लीन बोल्ड किया। टीम इंडिया ने इससे पहले 1996 में श्रीलंका के छह बल्लेबाजों को शारजाह और 1993 में वेस्टइंडीज के छह बल्लेबाजों को कोलकाता में क्लीन बोल्ड किया था।
बुमराह 14 विकेट लेकर दूसरे नंबर पर
इंग्लैंड के खिलाफ 32 रन पर तीन विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह के इस विश्वकप में छह मैचों में 14 विकेट हो गए हैं। वह सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के एडम जांपा 16 विकेट लेकर शीर्ष पर चल रहे हैं। बुमराह ने 14 विकेट 15.07 की औसत से लिए हैं, जो इस विश्वकप में कम से कम 10 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ है। उनका इकोनॉमी भी 3.91 रन प्रति ओवर है, जो सभी में श्रेष्ठ है।

शमी ने छठी बार लिए विश्वकप में चार विकेट
न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट और यहां चार विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी ने विश्वकप में अपने विकेटों की संख्या 40 कर ली है। भारतीय गेंदबाजों में उनसे आगे 44-44 विकेट लेने वाले जहीर खान और जवागल श्रीनाथ हैं, लेकिन शमी ने ये विकेट सिर्फ 13 मैच में लिए हैं। यही नहीं शमी ने विश्वकप में छठी बार एक मैच में चार या उससे अधिक विकेट लेने की उपलब्धि हासिल कर मिचेल स्टार्क की बराबरी की।