म्यूच्यूअल फण्ड में कर रहे हैं निवेश, भूलकर भी करें ये गलतियां…

आज बाजार में निव्श के कई ऑप्शन मौजूद है। इन ऑप्शन में से एक म्यूचुअल फंड भी है। लोग इस निवेश विकल्प को काफी पसंद करते हैं। यह जोखिम भरा माना जाता है। ऐसे में इसमें निवेश करने से पहले नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। कई लोग म्युचुअल फंड में निवेश करते वक्त कुछ गलतियां कर देते हैं।

आज व्यक्ति अपनी सेविंग को बढ़ाने के लिए कई स्कीम में इन्वेस्ट करता है। इन स्कीम में से एक म्युचुअल फंड भी है। इसे निवेश के लिए काफी लोकप्रिय विक्लप माना जाता है। इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा होता है। इसके साथ ही इसमें उच्च रिटर्न भी मिल सकता है। ऐसे में कई निवेशक इस फंड में निवेश करते समय कुछ गलतियां कर देते हैं जो बाद में उन्हें महंगा पड़ सकता है।

अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको ध्यान देना चाहिए कि आपको कौन-सी गलतियां करने से बचना चाहिए ताकि आपको भविष्य में वित्तीय रूप से कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।

शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट
हमें कभी भी म्युचुअल फंड में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश नहीं करना चाहिए। अगर आप इसमें निवेश करना शुरू करते हैं तो लगभग 7 साल तक निवेश करें। म्युचुअल फंड में लॉन्ग टर्म पर आपको प्रॉफिट मिलता है। शॉर्ट टर्म में आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको निवेश करने से पहले कोई लक्ष्य तय करना चाहिए।

आपको बता दें कि म्युचुअल फंड शेयर बाजार के प्रदर्शन के आधार पर कार्य करता है। ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव का असर आपके फंड पर भी देखने को मिल सकता है।

निवेश राशि
निवेश करते समय जहां हमें एक ओर लक्ष्य की तरफ ध्यान देने की जरूरत होती है वहीं दूसरी ओर हमें निवेश राशि का भी ध्यान में रखना चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमें रिटर्न मिलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसे ऐसे समझिए कि अगर आप एक साथ ज्यादा राशि का निवेश करते हैं तो आपको जोखिम का भी ध्यान रखने की आवश्यकता होगी।

उदाहरण के तौर पर अगर आप 20 साल तक और 1 करोड़ रुपये तक का म्युचुअल फंड में निवेश करना का प्लान कर रहे हैं तो इसके लिए आपको हर महीने 1,000 रुपये या एक साथ 1 लाख रुपये का निवेश करना होगा। आपको इसमें निवेश करने से पहले सोचना होगा कि कहीं आपको जोखिम का सामना तो नहीं करना होगा। ऐसे में आपको वित्तीय लक्ष्यों के साथ आवश्यक राशि का मूल्यांकन करना होगा।

एसआईपी बंद करना
कई बार निवेशक एसआईपी (SIP) स्कीम को बंद कर देते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको फंड से बार बार निकासी भी नहीं करनी चाहिए। एसआईपी पर आपको कंपाउंट इन्टरेस्ट मिलता है। अगर आप बार-बार निकासी करते हैं तो यह आपके ब्याज दर को भी प्रभावित करता है।

बाजार में गिरावट की वजह से निकासी करना
कई बार निवेशक शेयर बाजार में हो रही गिरावट से घबरा कर फंड से निकासी कर देते हैं। निवेशक को इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। एक्सपर्ट भी कहते हैं कि निवेशकों को शेयर बाजार में हो रही गिरावट पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें म्युचुअल फंड में हमेशा से लॉन्ग टर्म में ही निवेश करना चाहिए।

टॉप फंड में ही निवेश करना
बाजार में जो टॉप फंड होते हैं उनको देखते हुए निवेशक उसमें ही निवेश कर देते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि कई बार जो फंड टॉप पर होता है उसक प्रदर्शन फिसल भी सकता है। वहीं, जिस फंड का प्रदर्शन निवेश करते समय अच्छा नहीं होता है वह 3-4 साल के बाद अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।

ऐसे में निवेशकों को सोच समझकर ही किसी फंड में निवेश करना चाहिए।