हरियाणा: दस माह बाद होंगे विधानसभा चुनाव, पढ़े पूरी खबर

सीएम के विश्वासपात्रों में शामिल जवाहर यादव अहिरवाल बेल्ट के सबसे अहम जिले गुरुग्राम के बादशाहपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। पिछले कई महीनों से वह राजधानी के साथ बादशाहपुर में सक्रिय हैं। ओएसडी का पद होने की वजह से वह पूरा समय नहीं दे पा रहे थे। इसलिए वह इस्तीफा देकर अपने क्षेत्र में जुटना चाह रहे थे।

लगभग दस महीने बाद हरियाणा में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के टीम में शामिल उनके कई करीबी विधानसभा का रण लड़ने की तैयारी में हैं।

सीएम के विश्वासपात्रों में शामिल जवाहर यादव अहिरवाल बेल्ट के सबसे अहम जिले गुरुग्राम के बादशाहपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। पिछले कई महीनों से वह राजधानी के साथ बादशाहपुर में सक्रिय हैं। ओएसडी का पद होने की वजह से वह पूरा समय नहीं दे पा रहे थे। इसलिए वह इस्तीफा देकर अपने क्षेत्र में जुटना चाह रहे थे। आलाकमान से मंजूरी मिलने के बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।

इस कड़ी में दूसरा नाम कृष्ण कुमार बेदी का है। वह सीएम के राजनीतिक सचिव के पद पर तैनात थे। इसी महीने की तीन नवंबर को उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था। मूल रूप से शाहाबाद के रहने वाले बेदी ने भी चुनाव लड़ने की वजह से अपने पद त्याग दिया था। बेदी ने 2014 का विधानसभा चुनाव शाहबाद निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था और बमुश्किल 500 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी और उन्हें राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह उसी निर्वाचन क्षेत्र में जेजेपी के राम करण से हार गए थे।

इसके बाद उनके सिरसा से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें शुरू हो गई थीं। एक साल तक वह सिरसा में सक्रिय रहे। यह भी बताया जा रहा है कि वह अंबाला लोकसभा से भी टिकट का दावा ठोक सकते हैं। वहीं, तीसरा नाम मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली का है। वह इस समय दिल्ली में मुख्यमंत्री का मीडिया मैनेजमेंट संभालते हैं। बताया जा रहा है कि वह फरीदाबाद की बड़खल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

साल 2019 में भी उन्होंने टिकट के लिए काफी मेहनत की, मगर सफलता नहीं मिली। मगर वह भाजपा के साथ जुड़े रहे। संगठन में उनके काम को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें मीडिया सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी।

अध्यक्ष पद पर नाम चला, अब चुनाव लड़ने की तैयारी में
चौथा नाम मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव रहे अजय गौड़ हैं। वह भी सीएम के भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। उनका नाम हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर तेजी से चला था। मगर बाजी नायब कुमार सैनी जीत ले गए। उन्होंने पिछले साल ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। सूत्रों ने जानकारी दी है कि वह फरीदाबाद से चुनाव लड़ना चाहते हैं। राजनीति सचिव के पद पर कार्यरत होने की वजह से वह अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं हो पा रहे थे। मुख्यमंत्री से आशीर्वाद मिलने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और फरीदाबाद में ही जुटे हैं।

आसान नहीं जवाहर की डगर
वहीं, बादशाहपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे यादव की डगर आसान नहीं होने वाली। इसी विधानसभा क्षेत्र से राव नरबीर सिंह और मनीष यादव भी मजबूत दावेदार हैं। राव नरबीर सिंह मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। साल 2019 में उनका टिकट कंफर्म माना जा रहा था, मगर ऐन वक्त उनकी जगह मनीष यादव को टिकट दिया गया। राव फिर से सक्रिय हो गए हैं। वह लगातार भाजपा आलाकमान से मिल रहे हैं। वहीं, मनीष यादव ने मजबूती से चुनाव लड़ा था। वह भी अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। ऐसे में जवाहर यादव के लिए टिकट पाना इतना आसान नहीं होगा। इसके अलावा
राव इंद्रजीत की राय भी काफी मायने रखेगी।